Top things to know about COVID-19 and pregnancy | COVID-19 और गर्भावस्था के बारे में जानने योग्य शीर्ष बातें

Top things to know about COVID-19 and pregnancy | COVID-19 और गर्भावस्था के बारे में जानने योग्य शीर्ष बातें 

op things to know about COVID-19 and pregnancy | COVID-19 और गर्भावस्था के बारे में जानने योग्य शीर्ष बातें _ ichhori.com



कोविड और गर्भावस्था के बारे में जानने योग्य मुख्य बातें


आज हमारा भारत देश विकट परिस्थितियों से जूझ रहा है साथ ही कई आर्थिक समस्याओं का सामना कर रहा है ऐसे में सबसे ज्यादा ध्यान गर्भवती महिलाओं को रखना चाहिए और साथ ही गर्भवती महिलाओं को समय समय पर डाक्टर की सलाह लेनी चाहिए और महिलाओं को परिस्थिति का सामना करते हुए अपने साथ साथ अपने बच्चे की सुरक्षा भी करनी चाहिए और इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि गर्भवती महिलाओं को कोविड 19 किस प्रकार से प्रभावित करता है साथ ही इसे समझने के लिए आवश्यक है कि हम इसके प्रति कितने सतर्क है,

क्योंकि एक मां के लिए सबसे बड़ा सुख उसकी संतान प्राप्ति होती है और आज जैसी देश की स्थिति है उसे मद्देनजर रखते हुए हर गर्भवती महिला चिंतित हैं कि इसका असर कहीं उसके होने वाले बच्चे पर तो नहीं पड़ेगा, क्योंकि एक मां सब कुछ बर्दाशत कर सकती हैं पर अपने बच्चे पर आने वाले संकट को नहीं इसलिए कोविड 19 और गर्भवती महिलाओं के बारे में जानने योग्य मुख्य बातें निम्नलिखित है -


1. क्या मां से शिशु में वायरस फैलने का जोखिम है - हर मां का सपना होता है कि उसका बच्चा सुरक्षित हो हर मुसीबतों से दूर रहें लेकिन आज हमारे देश की स्थिति काफी हदतक खराब है यहां कोरोनावायरस जैसी महाबीमारी बच्चों के लिए ख़तरनाक साबित हो रही है ऐसे में नवजात शिशु के लिए जन्म लेना और उसकी सुरक्षा का दायित्व अधिक गंभीर है और अधिकतर गर्भवती महिला चिंतित हैं कि क्या मां से शिशु में वायरस फैलने का जोखिम है या नहीं,

शोधकर्ताओं के अनुसार अभी तक ऐसा नहीं देखा गया है कि कोविड 19 एक अजन्मे शिशु को संचारित किया जा सकता है नवजात शिशु में संक्रमण के लक्षण दिखने की संभावना अधिकतर कम होती है फिर भी सावधानी बरतने की जरूरत है,


2 क्या गर्भवती महिलाओं में लक्षण अलग होते हैं

हालांकि अभी निष्कर्ष नहीं निकला है फिर भी देखा गया है कि न्यूयॉर्क के दो अस्पतालों में 215 गर्भवती महिलाओं

के एक छोटे से अध्ययन में हाल ही में आश्चर्यजनक

संख्या में स्पर्शोन्मुख महिलाओं को पाया गया,जिन्होंने  कोरोनवायरस के लिए सकारात्मक परीक्षण किया। उसमें सकारात्मक परीक्षण करने वाली 33 महिलाओं में से 29 (88%) में लक्षण नहीं थे। लेकिन फिर भी सावधानी बरतने की जरूरत है क्योंकि  इसका मतलब तथापि यह नहीं है कि COVID-19 पॉजिटिव गर्भवती महिलाओं में लक्षण अलग होते हैं,


3. क्या गर्भवती महिलाओं को अपने खाने पीने में बदलाव करना चाहिए

अधिकतर शोधकर्ताओं का मानना है कि ऐसे कोई परिणाम नहीं आए हैं की बिशेष खाघ पदार्थों का सेवन करने से आप कोरोनावायरस के संक्रमण से बचाव कर सकते हैं,


4. अगर आप गर्भवती हैं और अगर आपको लगता है कि आपको  कोरोनावायरस है तो आपको क्या करना चाहिए या अगर आप गर्भवती हैं और आपको कोरोना है तो आपको क्या करना चाहिए


जब परिस्थिति काफी विकट हो और यदि गर्भवती महिला कोरोनावायरस से ग्रसित हो या उसे लगता हो कि वह कोरोनावायरस के संपर्क में आ गयी हैं साथ ही जब गर्भवती महिला को बुखार या खांसी है तो

आप अपने डाक्टर या स्वास्थ्य देखभाल प्रदाता को फोन करें।

और यदि लक्षणों में सांस लेने में कठिनाई या

सांस की तकलीफ शामिल है साथ ही वह आपकी गर्भावस्था के दौरान सामान्य से अधिक है, और आपको छाती में चल रहा दर्द या दबाव, नीले होंठ, भ्रम या दूसरों को

प्रतिक्रिया देने में असमर्थता महसूस हो रही हो तो तुरंत डॉक्टर से  संपर्क करें।

जिन गर्भवती महिलाओं को COVID-19 है और उनके डाक्टर ने उनको यदि सावधानी बरतने के लिए कहा  गया है, तो उन्हें अपने OB-GYN और CDC की सलाह का पालन करना चाहिए। इसमें चिकित्सा देखभाल के अलावा घर पर रहना,सार्वजनिक दर्द से राहत और बुखार के लिए एसिटामिनोफेन (जैसे टाइलेनॉल) की सिफारिश दी जाती है।

सामान्य तौर पर, यदि आप गर्भवती हैं, तो  डाक्टर इबुप्रोफेन की सलाह नहीं देते हैं, खासकर तीसरी तिमाही के दौरान। क्योंकि शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला है कि

NSAIDS, या गैर-स्टेरायडल विरोधी भड़काऊ

दवाएं, जैसे कि इबुप्रोफेन, कोरोनावायरस रोग को

खराब कर सकती हैं। यह अभी भी सैद्धांतिक है, दवा को बिगड़ते लक्षणों से जोड़ने वाला कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।अर्थात अभी जांच जारी है।


5. क्या covid 19 गर्भवती महिलाओं को अलग तरीके से प्रभावित करता है

हर मां के मन में एक बात है कि क्या कोविड 19 गर्भवती महिलाओं को अलग तरीके से प्रभावित करता है या नहीं, तो परिणामस्वरूप शोधकर्ता और इस बात की पुष्टि कर रहे हैं।  और हाल के अध्ययनों से पता चलता है कि गर्भवती महिलाओं को गंभीर बीमारी का खतरा अधिक होता है और गैर-गर्भवती साथियों की तुलना में सीओवीआईडी -19 से बदतर परिणाम होते हैं, जिसमें गहन देखभाल, प्रवेश, वेंटिलेटर और अधिक भयानक स्थिति में जान गंवाने तक की नौवत आ जाती है।  हालांकि अफ्रीकी-अमेरिकी और हिस्पैनिक आबादी सहित रंग की महिलाओं के लिए ये जोखिम अधिक हैं। प्रतिकूल गर्भावस्था के परिणाम जैसे कि सीओवीआईडी पॉजिटिव महिलाओं के लिए समय से पहले जन्म की भी सूचना मिली है, लेकिन इस क्षेत्र

में डेटा अभी भी विकसित हो रहा है। अर्थात सही और सटीक परिणाम आना अभी बाकी है लेकिन

मधुमेह, फेफड़ों की बीमारी या हृदय रोग जैसी कुछ

स्वास्थ्य स्थितियों वाले लोगों में भी COVID-19 से

बीमार होने का अधिक जोखिम होता है।


6. क्या बच्चे को मां के दूध से संक्रमण हो सकता है

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. अक्सर कोरोनावायरस को लेकर महिलाओं के मन में एक सवाल अवश्य उठता है कि क्या बच्चे को मां के दूध से संक्रमण हो सकता है तो इस बात पर शोध जारी है और

अभी तक ब्रेस्टमिल्क में वायरस नहीं पाया गया है और साथ ही इस बात का कोई सबूत नहीं है कि यह किस तरह से संचारित हो सकता है। हालांकि, एक बच्चे को दूध पिलाने के दौरान यदि महिला  COVID-19- पॉजिटिव है तो महिला की  देखभाल करने वाले के साथ और उससे  निकट संपर्क बनाए रखने से वायरस फैलने का खतरा बढ़ जाएगा।

   यही कारण है कि हम शोधकर्ता इस निष्कर्ष की अनुशंसा करते हैं कि वायरस के लिए सकारात्मक परीक्षण करने वाली और स्तनपान कराने वाली माताओं को जन्म के बाद एक अस्थायी अवधि के दौरान ही दूध पंप करने पर विचार

करना चाहिए जिससे  नवजात शिशुओं को वायरस के अनुबंध के जोखिम से बचाया जा सके और नवजात शिशु भी सुरक्षित रह सकें


7. क्या गर्भवती महिलाओं को अत्यधिक सावधानी बरतनी चाहिए

हर किसी गर्भवती महिलाओं के मन मस्तिष्क में यह सवाल है कि आज हमारा देश जिस बीमारी की चपेट में हैं और किस विकट स्थिति का सामना कर रहा है ऐसे में क्या गर्भवती महिलाओं को अत्यधिक सावधानी बरतनी चाहिए या नहीं तो देखते हुए, हम गर्भवती महिलाओं को वायरस से खुद को कैसे बचाएं और अपने बच्चे की सुरक्षा कैसे करे उसके लिए डाक्टर गर्भवती महिलाओं को हर संभव सावधानी बरतने की सलाह देते हैं। जिसमें उचित हाथ धोना (गर्म पानीऔर साबुन का उपयोग करके कम से कम 20

सेकंड), अपने चेहरे, नाक, आंख या मुंह को न छूना

और आक्रामक सामाजिक दूरी का पालन करना

शामिल है  साथ ही यह बिशेष रूप से ध्यान रखने की बात है कब तक गर्भवती महिलाओं  पूरी तरह से बाहर नहीं

जाना है और साथ ही महिलाओं को बाहर से आने वाले साथ ही बाहर जाने वाले  हर दूसरे तीसरे व्यक्ति से छह फीट दूर रहना है।)

संचरण मुख्य रूप से श्वसन बूंदों (जैसे खांसी और

छींक के माध्यम से) के निकट संपर्क के माध्यम से

एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है और यह छह फीट

तक की यात्रा कर सकता है। इसी कारण

रोग नियंत्रण केंद्र ने यह भी सिफारिश की है कि यदि महिला अकेली रहती है और उसे अगर किराने की दुकान की तरफ या कहीं और जाना है तो वह और उसके आसपास के सदस्य कपड़े के मास्क पहनें। साथ ही शोध के अनुसार बताया गया है कि गर्भवती महिलाओं को सर्जिकल मास्क या मेडिकल-ग्रेड मास्क पहनने की आवश्यकता नहीं है।

इन सभी बातों का कोरोनावायरस जैसी महाबीमारी के समय गर्भवती महिलाओं को अत्यधिक ध्यान रखना है।


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