क्या कोविड 19 अभी भी है और हम अब कोरोना से मुक्त होंगे ?

Is covid 19 still there and will we be free from corona ever?| क्या कोविड 19 अभी भी है और हम अब कोरोना से मुक्त होंगे ?

Is covid 19 still there and will we be free from corona ever?| क्या कोविड 19 अभी भी है और हम अब कोरोना से मुक्त होंगे ?- ichhori.com



आज जो हालात हैं उसको देखते तो लगता है कि अब यह हमारी सांसों में घुल-मिल गया है इसके साथ रहने के अलावा हमारे पास कोई दूसरा उपाय नहीं है और हमारी लापरवाही तथा असावधानी इसको जन्म दे रही है जहां एक जाता नहीं वही दूसरा तैयार रहता है अभी देश कोरोना से मुक्त हो रहा था वैसे ही नया वैरिएंट ओमीइक्रोन आ गया जो इसी की भांति अत्याधिक खतरनाक है,  कोरोनावायरस कोई आम बीमारी नहीं अपितु हमारी लापरवाही से उत्पन्न एक विकार है जिसकी जड़ को हम पानी दे रहे हैं जहां सरकार मास्क और दो गज की दूरी जैसे कदम उठाती है वहीं हम लापरवाही और असावधानी बरतना शुरू कर देते हैं जिसका नतीजा दूसरा जन्मा वैरिएंट ओमीइक्रोन है माना हम वहीं स्वतंत्रता वही आजादी चाहते हैं घर से बाहर निकलना घूमना पसंद करते हैं लेकिन हमारे देश पर जो यह संकट के बादल मंडरा रहे हैं उन्हें खत्म करना भी हमारा फर्ज है, क्योंकि जिस देश में आजादी चाहते हैं वहां इस वायरस से छुटकारा पाना भी अत्यंत आवश्यक है क्योंकि इसके चलते न कोई आजादी मिलेगी और न ही मास्क से स्वतंत्रता इसलिए सावधानी बरतिए और मास्क पहनिए,  लेकिन अब यह जानना अति आवश्यक है कि यह वायरस आखिर कब तक है कब हम इससे आजाद होंगे और क्या यह यही रहने वाला है तो सबसे पहले कोरोनावायरस आखिर है क्या और यह कैसे हमारे शरीर को प्रभावित करता है -  तो सबसे पहले कोरोनावायरस क्या है - यह समझो तो ऐसी लत है जिससे आसानी से पीछा नहीं छूटने वाला या कहूं तो एक ऐसा वायरस जिसकी शुरुआत जुकाम से होकर सांस लेने में कठिनाई तक होती है और यह कभी कभी इतना खतरनाक होता है कि इससे लोगों की जानें भी चली जाती है इसकी शुरुआत चीन के वुहान में दिसंबर में हुई और धीरे धीरे यह बहुत तेजी से विश्व के सभी देशों में फैला गया इसके लक्षणों में सूखी खांसी, नाक बहना, गले में खराश,सांस लेने में कठिनाई जैसी समस्याएं उत्पन्न होती है जो लापरवाही अधिक बरतने से अधिक घातक परिस्थिति का रूप धारण कर लेती है और यह वायरस प्राय एक दूसरे के संपर्क आने से फैलता है अब जानते हैं यह ओमीइक्रोन क्या है -
जैसे कि आपको पता है दुनिया के कुछ देशों में कोरोना वायरस का नया वेरिएंट सामने आ चुका है और बिशेषज्ञो का मानना है कि यह नया वेरिएंट काफी खतरनाक ह और  विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस के इस नए वेरिएंट को omicron नाम दिया है  जो एक ग्रीक भाषा का शब्द है और तो और यह नया वेरिएंट  बेहद तेजी से फैलने वाला और चिंताजनक है क्योंकि कोरोना वायरस का नया वेरिएंट इतना खतरनाक है कि यह दोनों टीका लगा चुके व्यक्ति के भी कोरोना से संक्रमित होने का दावा करता है और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस के इस नए वेरिएंट को बी.1.1.529 कहा है, क्योंकि कोरोना महामारी आने के बाद से ही इसके कई वेरिएंट सामने आए हैं और दुनिया भर के वैज्ञानिक भी कोरोना के अलग अलग वेरिएंट पर नजर बनाए हुए हैं इसी क्रम में दक्षिण अफीका में जीनोमिक्स की निगरानी के लिए बनाई गई कमेटी ने सोमवार को इस वेरिएंट का पता लगाया और जिसे बी.1.1.529 नाम दिया  क्योंकि अभी तक की जानकारी के अनुसार बी.1.1.529 में कई स्पाइक प्रोटीन म्यूटेशन हैं और तो और यह अत्यधिक संक्रामक है तथा बी.1.1.529 के सामने आने के बाद दक्षिण अफ्रीका में पिछले दो हफ्तों में कोरोना के नए मामलों में चार गुने की वृद्धि हुई है और  बी.1.1.1.529 में ऐसे कई परिवर्तन हुए हैं जो चिंता का विषय है उन्हें इस अनुक्रमण में पहले नहीं देखा गया था,

माना कि बुखार और जुकाम होना सामान्य सी बात है लेकिन जब इसके साथ ही सांस लेने में कठिनाई होने लगे तो इसके परिणाम घातक हो सकते हैं और आपकी जान भी जा सकती है कोरोनावायरस क्या है और इसके लक्षणों के बारे में जानने के बाद मन में एक सवाल अवश्य उठता है कि क्या यह कोरोनावायरस हमेशा के लिए है क्या हम कभी भी इससे आजाद नहीं होंगे -
  तो कुछ बिशेषज्ञ कहते हैं कि यह सोचना एक सुंदर सपना हो सकता है लेकिन अधिकांश वैज्ञानिक इसे असंभव मानते है और तो और जनवरी में 100 से अधिक  इम्यूनोलॉजिस्ट, संक्रामक-रोग शोधकर्ताओं और वायरोलॉजिस्ट से पूछा गया कि क्या इसे खत्म किया जा सकता है तो लगभग 90% उत्तरदाताओं को यह लगता है कि कोरोनावायरस स्थानिक हो जाएगा अर्थात यह आने वाले वर्षों के लिए वैश्विक आबादी के रूप में फैलता रहेग हालांकि पहले से हो सकता है कि वायरस इससे बचने के लिए विकसित हो सकता है लेकिन प्रकृतिके सर्वेक्षण पर प्रतिक्रिया देने वाले आधे से अधिक वैज्ञानिकों को लगता है कि प्रतिरक्षा में कमी वायरस के स्थानिक होने के मुख्य चालकों में से एक होगी क्योंकि वायरस दुनिया भर में फैल चुका है तो ऐसा हो सकता है कि इसे पहले से ही स्थानिकमारी वाले के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है और भविष्य बहुत हद तक इस बात पर निर्भर करेगा कि लोग संक्रमण या टीकाकरण के माध्यम से किस प्रकार की प्रतिरक्षा प्राप्त करते हैं और वायरस कैसे विकसित होता है क्योंकि इन्फ्लुएंजा और चार मानव कोरोनवियूज़ जो सामान्य सर्दी का कारण बनते हैं, वे भी स्थानिक हैं: लेकिन सोचने वाली बात है कि समाज मौसमी मौतों और बीमारियों को सहन करते हैं जो वे लॉकडाउन, मास्क और सामाजिक दूरी की आवश्यकता के बिना होती हैं। और  कैलिफोर्निया में ला जोला इंस्टीट्यूट फॉर इम्यूनोलॉजी के एक इम्यूनोलॉजिस्ट डेनिएला वीस्कॉफ कहते हैं, जिन्होंने सह-लेखक द स्टडी पुस्तक लिखी है कि यह अभी तक स्थापित नहीं हुआ है कि क्या यह प्रतिरक्षा स्मृति वायरल पुन:संक्रमण को रोक सकती है, हालांकि निष्कर्षो को देखकर यह लगता है कि इस वायरस को खत्म करना अस्वभाविक है और मानो बहुत मुश्किल भी है क्योंकि इसके नये नये वैरिएंट ओमीइक्रोन आदि सामने आ रहे हैं जो अत्यंत घातक है इसलिए जहां तक हो हमें इससे लड़ने के लिए हरदम तैयार रहना होगा और खुद को मजबूत करना होगा क्योंकि जब तक यह वायरस हमारे देश में है तब तक हम न आजादी से घूम सकते हैं न ही पहले जैसी खूबसूरत दुनिया के नजारे देख सकते हैं क्योंकि यह वायरस अत्यंत खतरनाक और चिंताजधक भी है इसलिए सावधानी बरतिए और मास्क पहनिए क्योंकि हमको अभी भी इससे लड़ने के लिए तैयार रहना है।
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