Treatment for Improving mental health

 Treatment for Improving mental health

Treatment for Improving mental health_ ichhori.com


आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में जिंदगी में  जहां समय का अभाव हो चला है जिससे हमें अपने लिए समय निकालना मुश्किल होता जा रहा है जहां हम अपने शरीर के स्वास्थ्य का ध्यान रख सके और

सिर्फ शरीर का स्वास्थ होना ही काफी नहीं है

 मानसिक स्वास्थ्य भी हर एक के लिए जरूरी है  या यूं भी कह सकते हैं जब आपको मानसिक शांति की अनुभूति होगी मानसिक तनाव कम होगा आपका शरीर भी स्वस्थ रहेगा अन्यथा मानसिक तनाव के कारण आपके दिमाग और सोच पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और आप शारीरिक रूप से भी  अस्वस्थ होते चले जाएंगे

जीवन में जब भौतिक सुख है सर्वोपरि माना जाने लगा है लोगों को लगता है पैसा ही सब कुछ है और ऐसे में वैसे जुड़वाने की जुगत में दिन रात काम पर काम करते चले जाते हैं अपने स्वास्थ्य का ध्यान नहीं रखते तो उनमें मानसिक विकार,  अनिद्रा, माइग्रेन , चिड़चिड़ापन  सिर दर्द , उल्टी चक्कर आना,  मतली आना, याददाश्त कमजोर होना जैसी समस्याएं पैदा हो जाती है ऐसे में जरूरत है हमें स्वस्थ भोजन के साथ स्वस्थ आदतों को अपनाने की,

फास्ट फूड के बजाए ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करें जिन में पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा हो जो जैविक विधि द्वारा उपजाए गए हों, आप चाहें तो अपने किचन गार्डन में या छत पर भी सब्ज़ियाँ उगा सकतीं हैं, जिससे आपको जैविक रूप से उगाई गईं ताज़ा सब्ज़ियाँ भी मिलेंगी और हरियाली से मन तो खुश होगा ही और जो समय आप टीवी के आगे बिताती हैं उनका भी सदुपयोग बेहतर होगा

आजकल हम हर चीज बाजार से ही लेते हैं पिसे पैकेट वाले मसाले जिसमें हद से ज्यादा खतरनाक रसायनों की मिलावट की जाती है जिससे हमारे स्वास्थ्य पर इसका दुष्प्रभाव साफ नजर आता है और उस खाद्य पदार्थ से हमें फायदा होने से ज्यादा नुकसान का सामना करना पड़ता है

हम घर पर ही उन मसालों को ग्राइंडर की मदद से तैयार कर सकते हैं बस हमे खड़े मसालों की ज़रूरत पड़ेगी जिसे पूरी शुद्धता से धो छान कर हम घर भी ही हर तरह के मसाले बना सकते है,

यूट्यूब पर या गूगल पर आपको बहुत सी वीडिओज़ और लेख मिल जाएंगे जहाँ अलग अलग मसालों को बनाने की विधि और उनमें लगने वाली सामग्री दी गयी है, जिससे हमारा स्वास्थ्य भी बेहतर होगा और खाद्य पदार्थों की शुद्धता और स्वाद भी बेहतर होगा

ज्यादातर मोबाइल फोन का इस्तेमाल करना जिससे हमारी याददाश्त पर तो असर पड़ता ही है हमें कई तरह की मानसिक बीमारियाँ भी हो जाती हैं इसमें चक्कर आना शरीर का अचानक डूबना वरना जैसे अचानक आपकी सारी याददाश्त मिटा दी जाए और कुछ देर तक आप खुद में ही डूबते उभरते रहें यह दिक्कत आपको कहीं भी हो सकती है बाजार में, घर में, रास्ते में जो एक बेहद खतरनाक परिस्थिति है, इससे बहुत तरह की दुर्घटनाओं के होने का ख़तरा कई गुना बढ़ जाता है अत्यधिक मोबाइल फोन का इस्तेमाल ना करें इसके रेडिएशन से हमें बहुत ज्यादा मानसिक बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है बहुत ज्यादा झुक कर मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने से, खड़े होकर खाना बनाने, लैपटॉप पर ज्यादा देर तक काम करने, बैठकर ज्यादा देर तक टीवी देखने,  या गर्दन झुका कर ज्यादा देर तक कोई भी काम करने से आपको सर्वाइकल की भी प्रॉब्लम आ सकती है जो मानसिक और स्नायु से जुड़ी बीमारियों में से एक है तो आपको तुरंत चिकित्सीय परामर्श की आवश्यकता है, डॉक्टर द्वारा दी गईं दवाइयों का नियमित सेवन करें, डॉक्टर के बताए गए निर्देशानुसार सर्विकल मे लाभकारी व्यायाम करें, आपको अपने दैनिक कार्यों की शैली में परिवर्तन करने की आवश्यकता है मसलन ज़्यादा झुक कर काम न करें, पीठ या कंधे पर ज़्यादा बोझ न उठाए, कुर्सी या बेड पर टेढ़े बैठने की बजाए उचित आसन में 90% के एंगल पर सर और कंधों को सीधा रख के बैठे इत्यादि

अगर आपको माइग्रेन की समस्या है तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें नियमित दवाओं का सेवन करें

 रात को जल्दी सोने की कोशिश करें

 खानपान में पोषक पौष्टिक तत्वों का ख्याल रखें सुबह नंगे पाँव  घास पर टहलना भी फायदेमंद होगा

 आयरन से भरपूर चीजों का सेवन करें

हरी सब्जियों पालक का सेवन करें

मूली के पत्तों में प्रचुर मात्रा में आयरन होता है तो उसे बेकार समझ कर फेंकने के बजाए उसका सलाद या सब्जी बना कर इस्तेमाल करें

 अगर आपको डायबिटीज की समस्या नहीं है तो खाने में चीनी की जगह काले गुड़ का उपयोग करें सुबह सवेरे अंकुरित चना  खाना भी फायदेमंद है

 योग से शरीर निरोग रहता है

 ध्यान यानी मेडिटेशन करने की कोशिश करें 

रात को ज्यादा देर तक मोबाइल न चलाएं, अंधेरे में मोबाइल चलाने से आंखों में दर्द सिर दर्द नींद ना आना जैसी समस्याएं हो सकती हैं ज्यादा देर तक टीवी या लैपटॉप के आगे अंधेरे में ना बैठे इससे आपकी आंखों को नुकसान होगा सिर दर्द की समस्या बढ़ेगी छोटी-छोटी बातों पर ध्यान ना दें नकारात्मक परिस्थितियों में भी सकारात्मक रहने की कोशिश करें आत्म संयम आत्मनिर्भरता आपको एक सकारात्मक दिशा देगी खुद पर विश्वास करना सीखें नकारात्मक परिस्थितियों में भी अब खुद को अकेला ना छोड़े बल्कि खुद को मोटिवेट करें और अपना मन उस परिस्थिति से हटाकर कहीं और ध्यान केंद्रित करें

अगर अब मानसिक रूप से स्वस्थ है तो भी आपको योग और ध्यान पर फोकस करना चाहिए

ज्यादातर घर मे रहने वाली महिलाएं एक ही जगह बन्द रह कर मानसिक रूप से थका हुआ महसूस करने लगती हैं जिससे उनमें चिड़चिड़ापन बढ़ने लगता है, मन मे स्फूर्ति का अभाव होता है हमेशा आलस और सुस्ती बनी रहती है ऐसे में उन महिलाओं को चाहिए कि सुबह शाम छत पर जाना जाएँ,  जहां आपको सूरज के डूबने पर आसमान की खूबसूरती , चाँद के उगने पर रात का बदलना आपको बहुत अच्छा महसूस करेगा प्रकृति के समीप रहना अपने आप मे एक सुखद अनुभूति है जो आपको काफी रिलैक्स करेगी, 

खुली हवा में लम्बी लम्बी साँसे ले, अनुलोम विलोम भी काफी लाभकारी हो सकता है

अगर आप बाहर निकल सकते हैं, आपके घर के आसपास कोई फ़ील्ड या पार्क हो तो आप सुबह शाम टहलने का रूटीन बना लें

इससे भी आपको मानसिक शांति और डेली रूटीन से थोड़ा अलग माहौल मिलेगा


अपने आपको  बिल्कुल भी इग्नोर न करें,  अपने लिए समय निकालें अपने शौक को बनाए रखें , समय समय पर आप घूमने के लिए बाहर या अपने आत्मजनों से मिलने भी जाती रहें, जिससे आपसी सम्बन्ध तो प्रगाढ़ होंगे ही, मानसिक सुख की भी प्राप्ति होगी दोस्तों सहेलियाँ के साथ सम्पर्क में रहें जिनसे आप आत्मीयता महसूस करतीं हैं उनके साथ बेहतर सम्बन्ध रखे क्योंकि जब आप के मन मे कोई बोझ होता है तो आप इन्ही दोस्तों और सहेलियों से उन्हें साझा कर के अपना मन हल्का कर लेतीं हैं कई बार ऐसा होता है कि खुद की मानसिक परिस्थिति इतनी टूट चुकी होती है की हमें ज़रूरत होती है किसी की जो हमे समझ सकें, सांत्वना दे सकें  ऐसे में यही दोस्त और सहेलियाँ हमारी मुश्किल परिस्थिति में हमारे लिए देवदूत साबित होते है, कई कई परिस्थितियों में जब डिप्रेशन का शिकार हो कर हम अपना दिमागी सन्तुलन खोने लगते हैं हमारे अपने ही हमारी सहायता कर के हमे उस विकट परिस्थिति से उबरने में सहायता करते हैं इसलिए सबसे सम्बन्ध मधुर रखें

ज्यादातर गुस्से में चीखने चिल्लाने से बेहतर है अपने गुस्से पर काबू रखें उज़ परिस्थिति से तुरन्त अपना ध्यान हटाने के लिए कोई और कार्य करना शुरू कर दें या ठंढा पानी पीएं थोड़ी सी चहल कदमी भी आपके गुस्से को शांत कर सकती है  नकारात्मकता बढ़ने पर आप किताबों का रूख़ करें, गाने सुने या अपनी पसन्द की कोई फिल्म देखने बैठ जाएं, ये आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए कारगर साबित होंगे



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