Mahilao par coivd vaccine ke side effects- महिलाओं पर कोविद टीका के दुष्प्रभाव ?

 कोरोना महामारी पर नियंत्रण के लिए सारी दुनिया में टीकाकरण अभियान अपने चरम पर है| दुनिया भर के वैज्ञानिक इन वैक्सीन  को अपनी सहमति दे चुके हैं| वैक्सीनेशन से लोगों में कोरोनावायरस के संक्रमण से लड़ने की एंटीबॉडीज बन जाती है |यह हमारे शरीर के इम्यून सिस्टम यानी प्रतिरक्षा प्रणाली को संक्रमण की पहचान करा कर उसके विरुद्ध हमारे शरीर में एंटीबॉडी बनाते हैं ,जो बाहरी हमले से लड़ने में हमारे शरीर की मदद करती है|

 वैज्ञानिकों के अनुसार इस व्यक्ति को हर उम्र, वर्ग और कैंसर, मधुमेह जैसी बीमारी से जूझते मरीज सभी कोई लगवा सकते हैं| मगर अभी भी इसको लेकर लोगों के मन में कई तरह की भ्रांतियां है| हर वैक्सीनेशन की तरह इस वैक्सीनेशन के भी कुछ साइड इफेक्ट है|




किसी भी बीमारी का टीका लगाए जाने पर शरीर सदैव प्रतिक्रिया करता है| कभी यह लक्षण किसी को कम तो किसी को ज्यादा हो सकते हैं या कभी-कभी इम्युन सिस्टम बिना किसी परेशानी के इस बीमारी के टीके को सहन करने में सफल हो जाता है|

 कोरोना वैक्सीन के साइड इफेक्ट में जहां पर इंजेक्शन लगा हो उस बाह में दर्द, रेडनेस और सूजन आ जाती है |इसके अलावा कभी-कभी बुखार, सर दर्द या उल्टी जैसे लक्षण भी हो सकते हैं|

 एक शोध के अनुसार पोस्ट वैक्सीनेशन साइड इफेक्ट लगभग सभी को हो सकते हैं| और यह हर व्यक्ति के लिए एक नॉर्मल बात है, लेकिन कोरोना वैक्सीन के संदर्भ में कुछ वर्ग के लोगों में दुष्प्रभाव के मामले ज्यादा देखे जा रहे हैं| खास तौर पर महिलाओं युवा वर्ग में वैक्सीनेशन का प्रभाव ज्यादा है |वही ऐसे लोग भी जिन्हे पहले कोविड-19 हो चुका है ऐसे लोगों की भी वैक्सीन के बाद हालत खराब हो रही है| इसलिए वैक्सीनेशन के पहले और बाद में ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है|

 महिलाओं को वैक्सीन का साइड इफेक्ट ज्यादा-

एक नए शोध के अनुसार पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को वैक्सीन के साइड इफेक्ट का खतरा ज्यादा है| सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रीवेंशन द्वारा किए गए शोध में यह बात सामने आई है ,कि 79 प्रतिशत महिलाओं ने साइड इफेक्ट की शिकायत की है |डॉक्टर के अनुसार जब महिलाओं के शरीर में वैक्सीन पहुंचकर कार्य करना शुरू कर देती है तो उनका इम्यून  सिस्टम तेजी से प्रतिक्रिया देता है| जिससे उन्हें साइड इफेक्ट जल्दी होता है| हालांकि वैक्सीन से होने वाले ाइड इफेक्ट कोई ज्यादा बड़ी समस्या नहीं है, क्योंकि ये चीजें अपने आप ही कुछ समय के बाद बिना कोई खास प्रिकॉशन के ठीक हो जाते है| मगर फिर भी कुछ ऐसे खास लक्षण हैं जो सिर्फ महिलाओं को ही होते हैं|

 पीरियड्स में हेवी फ्लो- कोविड-19 वैक्सीन का एक साइड इफेक्ट महिलाओं को पीरियड के दौरान भी फील हो सकता है |वैक्सीनेशन के बाद पीरियड्स के दौरान अन्य  दिनों की अपेक्षा महिलाओं को हैवी फ्लो  की शिकायत आम तौर पर मिली है |तमाम महिलाएं सोशल मीडिया पर वैक्सीनेशन लेने के बाद हेवी फ्लो को लेकर चर्चा कर रही हैं| हालांकि मेडिकल तौर पर हेवी फ्लो होना वैक्सीन का साइड इफेक्ट नहीं है |

डॉक्टर के अनुसार वैक्सीन का डोज इम्युन  सिस्टम को तेजी  से रिएक्ट करता है ,जो बॉडी के अंदर मौजूद प्लेटलेट्स के थक्के को नष्ट कर देता है |इसी वजह से महिलाओं में हेवी फ्लो होने लगता है |इसके साथ ही पीरियड के दौरान उन्हें पेट में ऐठन और तेज दर्द की शिकायत भी हो सकती है |

कुछ महिलाओं ने वैक्सीनेशन के बाद मेंस्ट्रूअल साइकिल यानी पीरियड के समय में बदलाव की शिकायत की है |इसके अलावा महिलाओं को लिंफ नोड्स में भी सूजन आने की शिकायत मिली है| हालांकि यह जरूरी नहीं है कि हर महिला ने इस तरह की कोई शिकायत की हो मगर फिर भी वैक्सीनेशन के बाद इस तरह के आने वाली हार्मोन अल बदलाव वाले साइड इफेक्ट को लेकर रिसर्च की अभी खासी जरूरत है|

प्रेगनेंसी में वैक्सीन-

 कोविड-19 वैक्सीन अभी भी प्रयोग के दौर से गुजर रही है, इस पर अभी कई सारी रिसर्च होना बाकी है इसलिए गर्भवती महिलाओं के लिए  ये वैक्सीन फायदेमंद है या नहीं इस पर शोध बाकी है |लेकिन इसका मतलब यह नहीं है क्या प्रेगनेंसी के वक्त इस्तेमाल करने के लिए सुरक्षित नहीं है| इस वक्त ज्यादातर मेडिकल एक्सपर्ट कोविड-19 की वैक्सीन के लिए गर्भवती महिलाओं को प्राथमिकता इसलिए नहीं दे पा रहे हैं,क्योंकि इस बारे में ज्यादा जानकारी उपलब्ध नहीं है |गर्भावस्था के दौरान इम्युनिटी  सिस्टम कमजोर हो जाता है, तो हो सकता है उन पर का असर भी कुछ अलग तरीके से हो या शायद वैक्सीन उन्हें कम असरदार हो| या इसके उलट कुछ ऐसे दुष्प्रभाव हो जाये जिससे निपटना मुश्किल हो सकता है| गर्भवती महिलाओं पर दो जान की जिम्मेदारी होती है, इसलिए अभी डॉक्टर्स भी अपना नैतिक फर्जी समझते हुए वैक्सीन की पूरी तरह परीक्षण होने तक उन पर कोई शोध नहीं करना चाहते हैं | फिर भी प्रेगनेंसी के दौरान वैक्सीन लगवाना में लगवाना यह आपका पर्सनल निर्णय होता है| मगर जिन महिलाओं को हाई बीपी, शुगर या थायराइड की परेशानी होती है उन लोगों को डॉक्टर वैक्सीन लगवाने की साफ मना ही कर देते हैं

स्तनपान कराने वाली महिलाओं को वैक्सीनेशन - अभी तक जितने भी वैक्सीन के ट्रायल हुए हैं उनमें से किसी मे भी बच्चों को शामिल नहीं किया गया है| हालांकि देखा गया है 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को कोरोनावायरस गंभीर असर नहीं डाल रहा है| भारत में अभी तक बच्चों को लेकर कोई कोरोना वायरस में कोई खास स्टडी नहीं की गई है| अमेरिका के वैक्सीन डिपार्टमेंट द्वारा जारी एक अधिसूचना में उन्होंने स्तनपान कराने वाली महिलाओं को वैक्सीन लेने से बचने की गुजारिश की है| यदि वह वैक्सीन लेना चाहते हैं, तो इसलिए उन्हें पहले स्तनपान बंद करा कर ही उसके बारे में सोचना चाहिए| क्योंकि कहीं ऐसा ना हो कि उनके बच्चे को वैक्सीन का कोई साइड इफेक्ट हो जाये|

वैक्सीनेशन के बाद गर्भधारण- यदि आप वैक्सीनेशन के बाद गर्भधारण के बारे में सोच रहे हैं ,तो डॉक्टर के अनुसार वैक्सीन के दोनों डोज  लेने के 6 से 8 सप्ताह के बाद ही गर्भधारण का सही समय रहता है| इससे कोरोनावायरस को लेकर  आपकी चिंता भी कम होगी और आप और आपकी आने वाली संतान दोनों कोरोना वायरस से सुरक्षित रहेंगे|

इन सब के अतिरिक्त हमें यह नहीं भूलना चाहिए की पुरुषों और महिलाओं के इम्यूनिटी सिस्टम में अंतर होता है|

 एक रिसर्च के अनुसार यह भी संभव है, कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं ने अपने साइड इफेक्ट से ज्यादा जिक्र किया हो| कई बार पुरुष अपनी तकलीफों का जिक्र नहीं करते हैं |आने वाले दिनों में इस पर कुछ और जानकारियां मिलेंगी |

वहीं टैक्सेस बायोमेडिकल रिसर्च के डॉक्टर की मानें तो महिलाओं के शरीर में न सिर्फ कोरोना वैक्सीन बल्कि कई सारी वैक्सीन के प्रति शानदार और मजबूत प्रतिक्रिया देखने को मिलती है|

 वही एक्सपर्ट की स्टडी में यह बात सामने आई है कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं के शरीर में वैक्सीन लगने के बाद इंफेक्शन से लड़ने वाले ज्यादा एंटीबॉडीज का निर्माण होता है |

कुल मिलाकर हम सभी को विशेष केस में छोड़कर सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार वैक्सीनेशन जरूर कराना चाहिए |ताकि हम सब मिलकर कोरोना की चैन को तोड़ सके|


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