Tinder kya hota hai? Tinder Kaise istemal Karein? - टिंडर क्या है?

 अब वो ज़माना गया जब प्रेम को पनपने और उसको जताने में वक्त लगता था। प्रौद्योगिक विकास ने जीवन के हर परिप्रेक्ष्य को अपने वश में किया है, चाहे वो हमारी रूचि हो या साथी चुनने का अंदाज़! हाल तो यह है कि डिजिटल संसार का संसार इतना बड़ा हो गया है कि वास्तविक संसार की छटा हमें उतनी निराली नहीं लगती। गौर करें प्रेम, लगाव या साथी ढ़ूँढ़ने की बात  पर तो कई डेटिंग ऐप्स ने हमारी रोज़मर्रा की जिंदगी में एक खास जगह बना ली है। ऐसे ऐप्लिकेशन युवाओं में काफी प्रचलित हैं। बात करें भारत जैसे विकासशील देश की तो टिंडर नामक एक डेटिंग ऐप है जो कम समय में ही काफी लोकप्रिय हुआ। टिंडर जैसे ऐप्स पल भर में दूरदराज या आपकी पास की 'लोकेशन' के अनुरूप आपको साथी या दोस्त ढ़ूँढ़ने में मदद करते हैं। तो बात वही है जब सबकुछ ऊंगलियों के इशारों पर मिल सकता तो तन्मयता से सपनों के साथी का इंतज़ार करना बेईमानी जान पड़ती है।





आईये जानते हैं प्रचलन में आए इस डेटिंग ऐप यानी टिंडर के बारे में -


यह एक लोकेशन बेस्ड सर्च मोबाइल ऐप है। यहाँ स्वाईप कर के दूसरे उपयोगकर्ताओं की तस्वीरें देख कर प्रोफाइल  को चुना जा सकता है। जो तस्वीर आपकी तस्वीर के साथ 'मैच' यानी आपको रोचक या दिलचस्प लगे उसे दाईं ओर स्वाईप कर के चुना जा सकता है। यह एक निजी ऐप है जिसकी कोई जाँच पड़ताल आपकी अनुमति के बिना नहीं हो सकती है और इसको मुफ्त में डाउनलोड किया जा सकता है। कुछ शुल्क चुका कर बेहतरीन फीचर्स के लाभ भी उठाए जा सकते हैं।

इस ऐप पर आपकी एक सुंदर प्रोफाइल फोटो के अलावा आपकी 'बायो' भी एक प्रमुख भूमिका निभाती है। इस ऐप पर पेड मेंबरशिप की सुविधा भी उपलब्ध है। दरअसल 'फ्री' यूजर को कुछ पाबंदियों का सामना करना पड़ता है इसलिए टिंडर गोल्ड या टिंडर प्लस को उपयोग में लाया जा सकता है।


टिंडर का प्रयोग इस प्रकार करें:

1. लाॅग इन करना ऐप का उपयोग का पहला चरण है।

2. प्रोफाइल आइकन पर जाकर फिर आप अपनी तस्वीर लगाएँ।

3. ऐप सेटिंग में गियर के आइकन के द्वारा इसमें बदलाव भी ला सकते हैं।

4.डिस्कवरी सेटिंग से लोकेशन का चयन करें। उम्र, रूचि, दूरी आदि से जुड़ी सूचना दें। ऐप की रेंज (सीमा निर्धारण) 

अपनी ज़रूरत के हिसाब से करें।

5.यहाँ 'नोटिफिकेशन' व 'संपर्क करें' का सेक्शन भी होता है। यह उपयोगकर्ताओं की सुविधा व मार्गदर्शन के लिए होता है।

6. प्रोफाइल को एडिट करने की सुविधा भी टिंडर पर उपलब्ध है। 'एडिट इन्फो' पर जा कर इस ऑप्शन का लाभ उठा सकते हैं।

7. मैच करवाने की प्रक्रिया सबसे महत्वपूर्ण है। यही हमें लोगों से जोड़ता है। एक उपयोगकर्ता की ऐप सेटिंग के अनुसार उसे अन्य प्रोफाइल दिखते हैं। 'लाइक' 'सुपर लाइक' 'रिजेक्ट' की सुविधा उपलब्ध है। बाईं ओर स्वाईप करके या '×' पर क्लिक कर के अनचाहे या नापसंद प्रोफाइल्स टाले (रिजेक्ट किए) जा सकते हैं। आप मैसेज़ या संदेश उसके आईकन पर जा कर भेज सकते हैं जैसे ही आपकी प्रोफाइल मैच होगी। इससे सामनेवाले की प्रोफाइल से जुड़ने में मदद मिलेगी।


टिंडर पर बायो कैसे लिखें:

बायो आपके द्वारा अपने बारे में लिखे गए तथ्यों को उजागर करता है। टिंडर पर आकर्षक बायो लिखना भी एक कला। एक छोटा किंतु परिहास युक्त,चतुराई भरा,आपकी सकारात्मक सोच को झलकाता हुआ बायो लोगों का ध्यान 

आकर्षित करता है। अपनी रूचि या आपकी उपलब्धि को भी बायो में दर्शाया जा सकता है। एक सुंदर व सटीक बायो टिंडर पर आपकी काफी मदद करेगा।


टिंडर की उपयोगिता :

इसकी सबसे खास बात है कि दूरस्थ लोगों से लेकर अपने आसपास के लोगों से आप आसानी से जुड़ सकते हैं। एक अच्छे मित्र की तलाश यहाँ पूरी हो सकती है। यहाँ आप किसी एक व्यक्ति या समूह (ग्रुप) चैट भी कर सकते हैं। साथ ही 'प्रोफाइल बूस्ट' का ऑप्शन प्रयोग में ला कर अपनी प्रोफाइल फोटो को और भी आकर्षक बना सकते हैं । अगर इसके अन्य फीचर्स का प्रयोग आप न करें तो मौलिक स्तर पर यह एक ऐसा ऐप है जो मुफ्त में डाउनलोड किया जा सकता है। इसको सहजता से उपयोग में लाया जा सकता है तभी तो हर दिन लगभग 1.7 बिलियन स्वाईप व 26 मिलियन 'मैच' होते हैं। इस डेटा से ऐप की लोकप्रियता का आंकलन किया जा सकता है। बस जरूरत होती है इसके उपयोग को समझने की। 



टिंडर जैसे ऐप्स का समाज पर प्रभाव: 

टिंडर जैसे ऐप्स जहाँ अपनी पकड़ बना रहे, वही इनके नकारात्मक प्रभाव भी सामने आते रहते हैं। महिलाओं के मुकाबले यहाँ पुरूष आसानी से स्वाईप कर लेते हैं। डिजिटल प्लेटफॉर्म पर महिलाओं के साथ होते अनुचित व्यवहार या जुर्म की घटना आम है। ऐसे में ज़रूरत है जानने की कि जब हम किसी ऐप या सोशल मीडिया पर हो तो उसके दुष्प्रभावों से कैसे निपटना है। किसी ऐप को हटाने का कारण सिर्फ नकारात्मक पहलू ही नहीं अपितु कभी-कभी कुछ अंतराल के लिए इनसे दूरी बनाना भी होता है।

महिलाओं को ऐसे डेटिंग ऐप्स पर किन मुश्किलों का सामना करना पड़ता है इस पर एक नज़र डालते हैं :


.लड़कियों को विकृत मानसिकता वाले लोगों का डर हमेशा सताता है। खुद की प्रोफाइल फोटो डालना भी कभी-कभी उनके लिए परेशानी का सबब बन जाता है।

.कभी-कभी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर निजी जानकारियों की चोरियाँ भी होती है। 

.महिलाएं 'स्टाॅकिंग' की समस्या से भी परेशान रहती हैं। कई वारदात मनचलों के दुस्साहस का ब्यौरा देते हैं।

.'फेक प्रोफाइल' यानी अपनी वास्तविक पहचान छुपा कर दुनिया के सामने कुछ और ही बयां करना, ऐसी करतूत भी खूब की जाती है। इससे छले जाने पर भावनात्मक ठेस पहुँचती है। सोचिए आप किसी से सोशल मीडिया के जरिए आकर्षित हो, भावनात्मक रूप से करीब आ गए परन्तु वो व्यक्ति एक मुखौटा ओढ़े खड़ा है तो इससे आपकी किसी पर विश्वास करने की क्षमता पर कितनी क्षति पहुँचेगी!

.कभी-कभी व्यक्ति सामने से मिल भी ले, फिर उस रिश्ते को शारीरिक संबंधों तक ही रख कर महिला का शोषण भी होता है। 

अतः किसी से भी जुड़ना हो तो भावनाओं को नियंत्रित कर सावधानी व सतर्कता का दामन न छोड़ें।


रिपोर्टों की माने तो आजकल उपयोगकर्ताओं द्वारा टिंडर डिलीट या हटाया भी बड़े पैमाने पर किया जा रहा है।  कुछ बिन्दुओं पर प्रकाश डालते हैं :

1. बेईमानी एक प्रमुख कारण जो डेटिंग ऐप्स की विश्वसनीयता को कम करता है। लोग अक्सर जो हैं या जैसे होते हैं स्वयं को वैसा प्रस्तुत नहीं करते। उदाहरणस्वरूप, मेलबर्न की लेखिका मेडेलिन डोर ने बताया कि कई लोगों से दोस्ती होने के बावजूद उनका कोई स्थायी या दीर्घजीवी रिश्ता नहीं बन पाया। उन्होंने अपने अच्छे बुरे अनुभवों को साझा कर बताया कि अंत में उन्हें ऐप्स डिलीट करना ही उचित लगा।

2. अमेरिका, ब्रिटेन जैसे देशों में 35 साल से कम उम्र के 

करीब आधे लोगों ने ऐसे ऐप्स प्रयोग किए हैं। सुरक्षा की चिंता, विश्वासघात का डर,ढ़ोंग आदि लोगों को इन ऐप्स में रूचि खोने को मज़बूर करते हैं।

3. अरबों डाॅलर की इस इंडस्ट्री का प्रस्फ़ुटन 2014 से 2019 के बीच जोरों से हुआ। पर 'डेटिंग' शब्द जितना रोमांचित करता है, एक सही साथी की तलाश उतनी ही जटिल है। 'ग्लोबल डेटिंग इनसाइट्स' के संपादक के अनुसार एक साथी की खोज में ढ़ेरों स्वाईप करने पड़ते हैं। फिर मेलजोल बढ़ाने में, मैसेज आदि करने में ऊर्जा व समय दोनों खर्च होते जिससे अंत में खीझ होने लगती है। कुछ लोग इन अनुभवों से इतने खिन्न हो जाते हैं कि सेक्स व रिलेशनशिप से पूरी तरह किनारा कर लेते हैं। ऐसे ऐप्स का निश्चित ही एक सैलाब आया था, पर अब उनमें गोते लगाने की इच्छा लोगों में घट रही है।


टिंडर बदलते जमाने की जरूरत व रूचि की ओर इंगित करता है। मनुष्य एकाकी से घबराता है और एक विश्वसनीय साथी की कामना हमेशा करता है। कभी-कभी यहाँ( डेटिंग ऐप्स) भावनात्मक चोट भी मिलती है। बदलाव के साथ कदम मिलाकर चलने के साथ हमें सतर्कता का दामन कभी नहीं छोड़ना चाहिए।


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