Baal kyu jaldi safed hote hai ?- बालों का असमय सफेद होना

"देखी थी एक रात तेरी जुल्फें ख्वाब में,

 फिर जब तलक जीया परेशान ही रहा|"( रजा अजीमाबादी )


खूबसूरत लहराते काले बाल हर किसी की पहली पसंद होते हैं |कितने ही शायरों और कवियों ने जुल्फों को लेकर कई सारी कविताएं और शायरियां लिखी है| यदि आपके बाल काले लंबे और घने हैं तो वह आपके चेहरे की सुंदरता को बढ़ाते हैं|

 लेकिन यदि जरा सोचिए एक दिन आप अपने बालों को कंघी कर रहे हैं ,और बालों के बीच में से एक सफेद बाल झाकते नजर आ जाए तो ......???सोच कर ही मन बेचैन हो उठता है |

वैसे तो बालों का पकना यानी सफेद होना परिपक्वता की निशानी माना जाता है ,मगर फिर भी बढ़ती उम्र के लोगों को भी अपने बाल ग्रे होना या सफेद होना नागवार गुजरता है |मगर फिर भी अपने मन को उम्र का वास्ता देकर मना ही लेते हैं ,क्योंकि उनके पास और कोई विकल्प नहीं होता है |

लेकिन चिंता तो जब बढ़ जाती जब 20 से 25 साल की उम्र या उससे पहले ही अपना प्राकृतिक रंग को कर सफेद होने लगते हैं|

बाल वैसे तो डेड सेल से बने होते हैं, सिर्फ इनकी जड़ों में ही जान होती है |बालों को काले रखने वाला तत्व मेलालिन से ही बालों की रंगत काली रहती है,मेलानिन की मात्रा पर ही बालों की रंगत निर्भर करती है| कम मेलालीन होने के कारण बाल भूरे और सुनहरे दिखाई देते हैं |




सामान्य तौर पर 35 से 40 वर्ष के बाद शरीर में मेलानिन तत्व कम बनने लगता है ,इसलिए बढ़ती उम्र में ज्यादातर लोगों के बाल सफेद होने लगते हैं |मगर वर्तमान में 70% लोग उम्र से पहले ही सफेद बालों की समस्या से परेशान हैं |इसके लिए केवल प्रदूषण ही नहीं हमारा खान-पान भी काफी हद तक जिम्मेदार होता है| अनुचित आहार लेने से शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है| कई वैज्ञानिक रिसर्च में बालों के सफेद होने के कई सारे कारण सामने आए हैं|

1- शरीर में विटामिन B12 की कमी के कारण मेलालिन बनने की प्रक्रिया बाधित होती है| और जब शरीर में कोशिकाए मेलानिन बनाना बंद कर देती है तो बाल सफेद होने लगते हैं|

2- हम यदि हमारे आहार को संपूर्णता नहीं देंगे ,तो बालों के सफेद होने की समस्या हमारे सामने आ सकती है| हरी सब्जियां ,सब तरह की दाले ,अंकुरित अनाज ,फल हमारे आहार में शामिल होना ही चाहिए| क्योंकि प्रोटीन आयरन कैल्शियम और विटामिन की कमी से भी बाल सफेद होते हैं|

3- थायराइड ग्रंथि में अत्यधिक स्त्राव या कम इस तरह के कारण भी समय के पहले बाल सफेद होने लगते हैं

4- कई बार कुछ रोग जैसे nerofibromatosis ,lekoderma, tuberous scleroderma या एनीमिया आदि के कारण भी शरीर में मेलानिन की कमी हो जाती है| वे बच्चे जिनकी कोई सर्जरी हुई हो या पाचन क्रिया ठीक से नहीं चल रही हो उनमें भी विटामिन बी का  अवशोषण ठीक तरह से नहीं हो पाता है |इससे सफेद बालों की समस्या शुरू हो जाती है|

5- हमारे घर के बुजुर्ग अक्सर हमें चिंता कम करने की हिदायत देते हैं |अत्यधिक तनाव में रहने से शरीर में कॉर्टिसोल का स्तर बढ़ने लगता है| कॉर्टिसोल हमारे शरीर में फ्री ऑक्सीजन रेडिकल्स को बढ़ाता है जो हमारे बालों को नुकसान पहुंचाता है| एक वैज्ञानिक स्टडी में यह दावा किया गया है कि लंबे समय तक तनाव में रहने और बालों के सफेद होने की भी सीधा संबंध होता है| स्टडी बताती है कि तनाव के दौरान हमारे शरीर में जो हारमोंस रिलीज होते हैं वो मेलानीन के स्टेम सेल को नष्ट कर देते हैं और इन स्टेम सेल के नष्ट होने के बाद हमारे बाल सफेद होना शुरू हो जाते हैं|

6- गर्भवती माताओं द्वारा गर्भावस्था के दौरान पोषण पूर्ण आहर ना लेने पर भी बच्चों के सफेद बाल होने की संभावना बढ़ जाती है| इसलिए जरूरी है कि गर्भवती महिला अपने पोषण का पूरा ध्यान रखें|

7- धूम्रपान और मदिरापान हर लिहाज से सेहत को नुकसान पहुंचाती है, इसके कई सारे नुकसान हमें पता है मगर आपको यह जानकर आश्चर्य होगा की लंबे समय तक धूम्रपान मदिरापान करने से शरीर में बनने वाली मेलालिन की प्रक्रिया बाधित हो जाती है, जिससे बाल सफेद होते हैं| तो क्यों ना आज ही इस व्यसन को छोड़ दिया जाए क्योंकि अब इस व्यसन को छोड़ने का एक और कारण आपके पास मौजूद है|

8- कई बार बालों का सफेद होना वंशानुगत भी होता है ,अगर आपके माता-पिता के बाल युवावस्था में सफेद हो गए थे, तो बहुत ज्यादा चांसेस है की आपके बाल भी कम समय में ही सफेद होना शुरू हो सकते हैं|

9- हम हमारे बालों पर कई तरह के केमिकल का प्रयोग कर हेयर स्टाइल बनाते हैं| वह हमारे बालों को सफेद करने के साथ-साथ उनकी क्वालिटी को भी खराब करते हैं |बालों में लगाए जाने वाले जेल में केटीऑनिक पॉलीमर होता है ,जो पॉजिटिव चार्ज के जरिए बालों को घंटों तक एक ही अवस्था में रखते हैं| लगातार इस हार्ड केमिकल के उपयोग से बालों का रंग बदल कर बालों के सफेद होने की प्रक्रिया चालू हो जाती है |इससे बालों का पीएच लेवल भी बिगड़ जाता है | इसके साथ ही हम फैशन के अनुरूप बालों को कलर कराने की गलती भी करते हैं|कलरिंग से बालों को नुकसान पहुंचता ही है, हमारे हेयर स्कैल्प भी डैमेज हो जाते हैं| बार-बार  कठोर केमिकल से बने हुए शैंपू और खुशबूदार नॉन स्टिकी हेयर ऑयल के बदलने से भी बालों की रंगत खराब होती है|

10- वैसे तो यह कहावत सभी ने सुनी होगी कि यह बाल हमने धूप में सफेद नहीं किए हैं |बालों की सफेदी और धूप में रहने का सीधा संबंध है |बाल जब लंबे समय तक यु वी किरणो के  संपर्क में रहते हैं, तो मेलालीन तत्व की कमी आ जाती है| और बालों की मृत कोशिकाएं दोबारा से मेलानिन नहीं बना पाती है| और बाल अपना काला रंग खो देते हैं|

हमारे बरसों पुराने आयुर्वेद के अनुसार शरीर में वात, पित्त और कफ दोषों के कारण कई सारे लोग होते हैं| असमय बालों का सफेद होना भी पित्त दोष के कारण होता है |

आयुर्वेदाचार्य के अनुसार समय बालों के सफेद होने के कुछ कारण दिए हैं|

1-आहरण (nutritional) - यदि हम अपने भोजन में खट्टे, तीखे, तेज नमक तथा अत्यधिक गर्म आहार का अत्यधिक सेवन करते हैं तो बाल सफेद हो जाते हैं|

2- वीहारण (environmental and behavioral)-  शरीर से अत्यधिक श्रम करना ,देर रात तक जागना, धूप और धूल में रहना और अत्यधिक उपवास करना|

3- मानसिक (psychological)-  हर समय क्रोध ,शोक, भय तथा मानसिक तनाव ग्रस्त रहना अन्य बीमारियों को निमंत्रण देने के साथ-साथ बालों के सफेद होने का सबसे बड़ा कारण है

4- आदि बल प्रवत्त (genetic) - कभी-कभी पीढ़ी दर पीढ़ी भी यह समस्या देखी जाती है| हर पीढ़ी के लोगों के बाल कम उम्र में ही सफेद होने लगते हैं|

समय से पहले सफेद होते बाल आपकी सेहत के प्रति आपकी लापरवाही को प्रदर्शित करते हैं| अपनी सेहत से जुड़ी बातों को नजरअंदाज ना करें |यदि इनमें से भी किसी कारण से आपके बाल समय से पहले सफेद हो रहे हैं तो घरेलू उपचार को करने के साथ-साथ एक बार डॉक्टर की सलाह अवश्य ले लें|


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