साइबर सुरक्षा खतरे से बचने के लिए महिलाओं को क्या करना चाहिए -

 What should women do to avoid cyber security threats?| साइबर सुरक्षा खतरे से बचने के लिए महिलाओं को क्या करना चाहिए -

What should women do to avoid cyber security threats?| साइबर सुरक्षा खतरे से बचने के लिए महिलाओं को क्या करना चाहिए -- ichhori.com




नयी नयी तकनीकी और नये नये अविष्कारों ने जहां लोगों का मन अपनी ओर आकर्षित किया वहीं दूसरी ओर समस्याओं की जड़ को जन्म दिया है...,
जहां देखो बालक बूढ़े महिला सब इंटरनेट, सोशल मीडिया के दीवाने, नये नये अविष्कारों ने जहां लोगों के कामों को आसान कर दिया है वहीं दूसरी ओर इनका उपयोग कुछ लोग सही और बेहतर काम में करने के बजाय आधे से ज्यादा इनका इस्तेमाल गलत कामों के लिए करते हैं लोगों को परेशान करते हैं उनके नाम से गलत कामों को करते हैं जिस कारण जितना यह हमारे लिए उपयोगी है उतना ही घातक,
     आजकल इंटरनेट की दुनिया ने लोगों को इनका इतना आदी बना दिया है कि मन से रिश्तों का महत्व कम होता जा रहा है, तरह तरह की टेक्नोलॉजी जैसे घर बैठे फेस टू फेस बातें करना इत्यादि की उपलब्धता ने लोगों को इंटरनेट का दीवाना और परिवार में फासले बढ़ा दिए हैं हर कोई मोबाइल से बात करना मिलने से अच्छा समझते हैं और फिर ई मेल इत्यादि सुविधा, जिसके कारण लोगों की दुनिया अब मोबाइल के इर्द-गिर्द घूमती है लेकिन आज साइबर क्राइम जैसी गतिविधियां भी तेजी से बढ़ रही है और बिशेषकर महिलाओं के लिए,
      क्योंकि कुछ लोग महिलाओं और लडकी की फोटो लगाकर भोली भाली लड़की को फंसाकर उनसे बात करते हैं तो कुछ महिलाएं लाइक्स की चाह में अपनी पिक डाल देती है जिनका फायदा साइबर क्राइम करने वाले लोग उठाते हैं, इसलिए टेक्नोलॉजी का अविष्कार आपके बेहतर भविष्य को संवारने के लिए करें न कि इन कार्यों को करने के लिए,
      लेकिन सबसे पहले यह जानना अति आवश्यक है कि साइबर क्राइम क्या है और कोई हमारे नाम का फायदा कैसे उठा सकता है और इससे बचने के लिए हमें क्या करना चाहिए तो सबसे पहले -

जैसा कि सभी को ज्ञात है कि आजकल इंटरनेट, कंप्यूटर, स्मार्ट फोन तथा संचार प्रौद्योगिकी के अन्य उपकरण
हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुके हैं और आधे से ज्यादा लोगों ने  इंटरनेट संचार माध्यमों को अपनी
दैनिक गतिविधियों का एक अभिन्न हिस्सा बना लिया है लेकिन हम में से अधिकांश लोग साइबर सुरक्षा एवं स्वयं को साइबर अपराधों से कैसे बचाएं उन उपायों से अनभिज्ञ हैं क्योंकि हम अनजाने मे जो भी सूचना या व्यक्तिगत जानकारी इंटरनेट पर साझा करते है वह हमेशा के लिए वहां मौजूद रहती है जिसका पता हमें नहीं है और सूचना को पूरी तरह डिलीट करना अत्यंत कठिन है जिस कारण यह समस्या अधिक घातक हो गई है तो
           आखिर साइबर अपराध क्या हैं-

साइबर अपराध ऐसे अपराध हैं जो कम्प्यूटर, इंटरनेट या मोबाइल टेक्नोलॉजी का उपयोग करके किसी व्यक्ति कंपनियों या संस्थानों के प्रति किए जाते हैं और साइबर अपराधी सोशल नेटवर्किंग साइटों, ईमेल, चैट रूम, नकली सॉफ्टवेयर, वेबसाइटों इत्यादि जैसे प्लेटफॉर्मों का उपयोग पीड़ितों पर हमला करने के लिए प्राय करते हैं और आजकल तो बच्चे भी विभिन्न प्रकार के साइबर अपराधों के शिकार हो जाते हैं

रिसर्च के मुताबिक "भारतीय कम्प्यूटर आपातकालीन कार्रवाई दल के अनुसार वर्ष 2017 के दौरान भारत में 53000 से अधिक साइबर सुरक्षा संबंधी घटनाओं की सूचना प्राप्त हुई।"

और आधे से ज्यादा लोग इस बात से अनभिज्ञ हैं कि साइबर अपराधी किस प्रकार उनको अपने झांसे में ले लेते हैं  जिस कारण साइबर हमले और अधिक जटिल तथा परिष्कृत होते जा रहे हैं तथा इनका लक्ष्य फोन नं.,पता, फोटोग्राफ, बैंक संबंधी विवरण इत्यादि जैसी व्यक्तिगत जानकारी को चुराना होता है और साइबर अपराधी  इस व्यक्तिगत जानकारी का उपयोग उन्हीं के खिलाफ कई तरीकों से करते है जैसे कि जाली प्रोफाइल बनाकर,या साइबर खतरा देकर,


साइबर अपराध का एक प्रकार  साइबर बुलिंग है

साइबर बुलिंग यह भी उन साइबर खतरों में से एक है  और
साइबर बुलिंग से तात्पर्य इंटरनेट या मोबाइल टेकनोलॉजी का उपयोग करके असभ्य,घटिया या तकलीफ देह संदेश, टिप्पणियां और वीडियो भेजकर किसी को जानबूझकर तंग करना या डराना धमकाना होता है यह किसी साइबर बुली द्वारा दूसरों को डराने धमकाने के लिए टेक्स्ट मेसेज, ई-मेल, सोशल मीडिया प्लेटफार्म, वेब पेज, चैट रूम आदि का प्रयोग करते है,
साइबर बुली कोई जानकार व्यक्ति, दोस्त, रिश्तेल से
अनजान व्यक्ति भी हो सकता है जिससे हम 12/38
प्लेटफार्म या चैट रूम, गेमिंग पोर्टल आदि पर ऑनलाइन मिले हो,

बच्चों के प्रति साइबर बुलिंग शारीरिक, भावनात्मक और मनोवैज्ञानिक परिणामों के रूप में होते है जिससे न केवल उन बच्चों का शैक्षणिक निष्पादन बल्कि काफी हद तक उनका दैनिक जीवन भी प्रभावित होता है,
इसका मतलब यह नहीं है कि बच्चों महिलाओं को टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए बल्कि वह भी
सावधानी से बिना किसी डर के इंटरनेट और मोबाइल
टेक्नोलॉजी का प्रयोग कर सकते है बस आवश्यकता है  सतर्क होने और स्वयं को तथा अपने दोस्तों को साइबर बुलिंग से बचाने के लिए सुरक्षा उपायों का अनुपालन करने की,

साइबर अपराध क्या है यह जानने के बाद की कैसे हम इसके शिकार हो सकते हैं  और तो और तो हमें टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किस प्रकार करना चाहिए जिससे हम इसके शिकार न हो बिशेषकर महिलाएं तो सबसे पहले -

1.सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अनजान व्यक्तियों की फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार नही करें क्योंकि साइबर बुली कभी भी अपने शिकार से दोस्ती करने के लिए जाली एकाउंट भी बना सकता है और उन्हीं लोगों को ऑनलाइन जोड़े जिन्हें आप जानते हैं,

2.सोशल मीडिया पर अपनी निजी सूचना जैसे जन्म तिथि, पता और फोन नम्बर साझा न करें और यह सुनिश्चित करें कि आपकी आनलाइन पोस्ट तक कौन पहुंच सकता है और कौन नहीं इसके लिए आप सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर प्राइवेसी सेटिंग में जाए औ  अपनी प्रोफाइल तक केवल आपके दोस्तों की पहुंच को ही सीमित करने का प्रयास करें जिससे अनजान व्यक्ति आपकी जानकारी का दुरूपयोग न कर सकें

3. सतर्कता के साथ टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करें और सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर कमेंट्स या पोस्ट में अपना फोन नम्बर और अन्य निजी ब्योरे साझा न करें और कभी भी अनजान स्रोतों से अनावश्यक साफ्टवेयर और एप्स जैसे डेटिंग एप,आनलाइन गेम, आदि को इंस्टाल न करें क्योंकि आजकल यह भी साइबर अपराध का एक जाल है,

4. कभी कभी महिलाएं लाइक्स और प्रशंसा की चाह महिलाओं को तस्वीरें डालने के प्रोत्साहित करती हैं और जिस कारण वह अपनी निजी जानकारियां व तस्वीरें डालने का सिलसिला बढ़ा देती हैं और फिर महिलाएं इस बात से अनजान होती है कि इनका दुरुपयोग भी हो सकता है इसलिए महिलाओं को अपनी फोटो या जानकारी इंटरनेट पर साझा नहीं करनी चाहिए,

5 बिशेषकर महिलाएं ऐसे लोगों से बात न करें जो आपसे आपकी अश्लील फोटोग्राफ और वीडियो साझा करने को कहता हो क्योंकि यदि आप अपनी अश्लील फोटोग्राफ अथवा वीडियो किसी के साथ साझा करते हैं तो वह व्यक्ति उन्हें किसी और के साथ साझा कर सकता है अथवा उन्हें सोशल मीडिया पर पोस्ट कर सकता है और इस तरह वो
आपको ब्लैकमेल भी कर सकता हैं क्योंकि आजकल यह भी साइबर अपराध का एक हिस्सा है,

6.यदि आपका चैट पार्टनर आप दोनों की बातचीत को गोपनीय रखने को कहता है  तो  तुरंत अपने बड़ो अथवा माता-पिता से बात करें

7 यदि कोई व्यक्ति आपको अकेले बुलाता है तो उस व्यक्ति से मिलने अकेले न जाएं जिससे आप ऑनलाइन मिले हों। हमेशा अपने साथ अपने किसी मित्र अथवा किसी बुजुर्ग को लेकर जाएं
8. बिशेषकर महिलाएं किसी भी व्यक्ति से चैट रूम में चैटिंग करते समय विशेष रूप से सतर्क रहे और चैट रूम में अपनी व्यक्तिगत जानकारी कभी साझा न करें और अपनी पहचान को सीमित रखें,

इस तरह आप अपने आप को साइबर अपराधों से बचा सकती है क्योंकि सतर्कता बरतने से बड़ी सी बड़ी परेशानी हल हो सकती है इसके साथ ही कुछ और उपाय है जो महिलाओं को साइबर क्राइम से बचने के लिए करने चाहिए

1. महिला हो या बच्चे यदि आपको महसूस हो कि आप साइबर ग्रूमिंग के शिकार हैं तो आप बिना घबराए अपने बड़ो को सूचित करें ताकि वे हस्तक्षेप करके आपकी
सहायता कर सकें, क्योंकि "लड़कियों के साथ हो रही
घटनाएं साइबर क्राइम बढ़ने का भी हिस्सा हैं क्योंकि साइबर अपराधी आपको पहचान छुपाने का मौका देता है.
ये लोगों के लिए अपराध करना और आसान बना देता है वहीं महिलाएं सार्वजनिक रूप से अपनी दिनचर्या बता देती हैं. घर कहां है और कहां जाने वाली हैं जो सामने वाले को अपराध के लिए न्यौता देने जैसा होता है जैसे कहावत है "आ बैल मुझे मार"।

इसलिए कुछ उपाय है जो आपकी सहायता कर सकते हैं -

1. अपने माता-पिता या बड़ों को सूचित करें:-
यदि कोई ऑनलाइन व्यक्ति आपको  अटपटा अर्थात अजीब जो आपको बेकार लग रहा है तो तत्काल अपने माता-पिता या बड़ों को सूचित करें और यह सोचने की भूल बिल्कुल न करें कि माता-पिता आपके ऑनलाइन कार्यकलापों को प्रतिबंधित कर देंगें या आपसे कंप्यूटर स्मार्टफोन का उपयोग न करने के लिए कहेंगें बल्कि उन्हें
सूचित करना  अत्यंत महत्वपूर्ण है ताकि वे आपकी सहायता व मार्गदर्शन करें इसलिए अपने माता-पिता/बड़ों को पूरी बात स्पष्ट रूप से बताएं क्योंकि अक्सर लड़की या महिला डर जाती है और यह डर साइबर अपराधी की हिम्मत बढ़ा देता है,

2.ग्रूमर को ब्लॉक करें:- यदि ग्रूमर आपको ग्रूम करने के लिए सोशल मीडिया अथवा मैसेजिंग प्लेटफार्म का प्रयोग कर रहा है तो आप उसे ब्लॉक कर सकते हैं क्योंकि सभी सोशल मीडिया ऐप अथवा सेवाओं में यूजर को ब्लॉक करने का विकल्प होता है,

3.मैसेज को कलेक्ट और सेव करें:- ग्रूमर द्वारा आपके साथ साझा किए गए मैसेज, फोटो अथवा वीडियों को सेव करें और क्योंकि  ऐसे मैसेज, फोटो अथवा वीडियो का उपयोग  हम उनके विरूद्ध कानूनी कार्यवाही किए जाने पर साक्ष्य के रूप में कर सकते है,
साथ ही आपके माता-पिता या बड़े, घूमर के खिलाफ शिकायत करने के लिए स्थानीय पुलिस स्टेशन से संपर्क कर सकते हैं क्योंकि इनसे निपटना इतना आसान नहीं होता ,

और इस तरह महिलाएं इन साइबर क्राइम के खतरे से स्वयं को बचा सकती है और ध्यान रखें सतर्कता हर परेशानी की समस्या का हल है‌।
Previous Post Next Post