What is endometriosis symptoms What are the risk factors and treatment of endometriosis?एंडोमेट्रियोसिस क्या है लक्षण एंडोमेट्रियोसिस के जोखिम कारक और उपचार क्या हैं?

 What is endometriosis symptoms What are the risk factors and treatment of endometriosis?एंडोमेट्रियोसिस क्या है लक्षण एंडोमेट्रियोसिस के जोखिम कारक और उपचार क्या हैं?

What is endometriosis symptoms What are the risk factors and treatment of endometriosis?एंडोमेट्रियोसिस क्या है लक्षण एंडोमेट्रियोसिस के जोखिम कारक और उपचार क्या हैं?- ichhori.com


जहां बीमारी पहले जमाने में सैकड़ों लोगों में से किसी एक को होती थी और अब, चाहे छोटा बच्चा हो या वृद्ध सब किसी न किसी बीमारी से ग्रस्त है क्योंकि पहले लोग परिश्रम करते थे खूब खाते थे काम करते थे लेकिन आधुनिक अविष्कारों और पाश्चात्य संस्कृति ने हमारी सोच हमारे रहन सहन, खान पान सब बदल दिया है जिसका एक घातक परिणाम - कम उम्र में घातक बीमारी होना है,

       आज हार्ट सर्जरी, कैंसर, माइग्रेन जैसी बीमारी बच्चों में आम है और पहले कोई इनका नाम भी नहीं जानता था क्योंकि खाना शुद्ध देसी और शुद्धता से भरपूर था और आज मिलावटी दूध मिठाई खाघ पदार्थ ने हमारे शरीर के ढांचे को कमजोर, हमारी शक्ति को नगण्य और पाचन तंत्र को खराब कर दिया है,

       और जिसका परिणाम हमारे स्वास्थ्य के साथ साथ हमारी रोजमर्रा जिंदगी में दिखाई देता है हम शीघ्र ही थकान महसूस करने लगते हैं मानसिक तनाव और चिड़चिड़ापन और महिलाओं में बांझपन जैसी समस्याएं सामने आती है क्योंकि महिलाओं को पौष्टिक आहार की प्रचूर मात्रा से कम और असंतुलित आहार मिलता है जिसके कारण उनमें अनेक बीमारियां पाई जाती है और ऐसी ही एक बीमारी

  एंडोमेट्रियोसिस है जिसके बारे में ज्यादातर लोगों को जागरूक होने की आवश्यकता है क्योंकि बीमारी चाहे छोटी हो या बडी लेकिन लापरवाही से वही बीमारी हमारे स्वास्थ्य के लिए घातक हो सकती है इसलिए सबसे पहले यह जानना अति आवश्यक है कि एंडोमेट्रियोसिस बीमारी क्या है इसके कारण लक्षण और उपचार क्या है क्योंकि हर बीमारी का इलाज संभव है लेकिन जागरूकता उसका सबसे बड़ा अस्त्र है इसलिए सबसे पहले -

  

एंडोमेट्रियोसिस क्या है - एंडोमेट्रियोसिस जोकि महिलाओं में एक आम स्वास्थ्य समस्या है यह शब्द एंडोमेट्रियम से लिया गया है जो कि बच्चेदानी की अस्तर के टिश्यू होते हैं इसे एक गैर कैंसर वाली स्थिति भी कह सकते है और यह एंडोमेट्रियोसिस बीमारी ज्यादातर तब होती है

जब इन टिश्यू के समान टिश्यू बच्चेदानी के बाहर या हमारे शरीर के उन अन्य अंगों में बढ़ने लगते हैं जहां यह सामान्य रूप से नहीं पाए जाते और ज्यादातर एंडोमेट्रियोसिस सबसे ज्यादा इन अंगों में पाया जाता है -

ओवरी (अंडाशय) फैलोपियन ट्यूब, और वह ऊतक जो बच्चेदानी को उसकी जगह पर रखते हैं तथा बच्चेदानी की बाहरी सतह साथ ही अन्य अंगों में भी एंडोमेट्रिओसिस हो सकता है जैसे

• कि योनि, सर्विक्स, वल्वा, आंत्र, ब्लैडर , या रेक्टम इत्यादि,

तथा कुछ दुर्लभ मामलों में एंडोमेट्रिओसिस शरीर के अन्य भागों में भी हो सकता है, जैसे कि फेफड़े, मस्तिष्क और त्वचा,

हालांकि भारत में एंडोमेट्रिओसिस बीमारी के शिकार भारत की 1 करोड़ से भी अधिक महिलाएँ होती है और  सामान्यतः भारत में  हर दस में से किसी एक महिला को यह बीमारी होती है,


एंडोमेट्रिओसिस के कारण -


जिस प्रकार मां अपने नवजात शिशु की हर बात समझ लेती है उसी प्रकार हमारा शरीर हमें बीमारी होने से पहले कुछ संकेत अवश्य देता है या फिर यह पारिवारिक इतिहास भी हो सकता है हालांकि इसके कारण स्पष्ट नहीं है फिर भी कुछ ऐसे कारण हैं जिसके कारण यह हो सकता है

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1. रेट्रोग्रेड पीरियड्स - यह भी एक कारण है जिससे यह बीमारी होने का खतरा रहता है इसमे मासिक धर्म के रक्त वाली एंडोमेट्रिअल कोशिकाएं फैलोपियन ट्यूबों के माध्यम से शरीर के बाहर जाने की जगह पेल्विक कैविटी में चली जाती हैं और ये विस्थापित एंडोमेट्रिअल कोशिकाएं पेल्विक के अंगों की सतहों और उनकी दीवारों पर चिपक जाती हैं जहां वे प्रत्येक मासिक धर्म चक्र के दौरान अधिक मोटी

हो जाती हैं और जिसके कारण अधिक रक्तस्राव होता हैं,

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2. पेरिटोनियल कोशिकाओं का परिवर्तन

एंडोमेट्रियोसिस का यह एक कारण हो सकता है क्योंकि यौवन के दौरान पेट के अंदरूनी भाग को रेखांकित करने वाली पेरिटोनियल कोशिकाओं का एंडोमेट्रिअल कोशिकाओं में परिवर्तन भी एंडोमेट्रियोसिस का एक कारण हो सकता है,



3. परिवारिक इतिहास - कभी कभी जन्मजात बीमारी या यदि किसी सदस्य को कोई बीमारी होती है तो वो परिवार के दूसरे सदस्य में होना पारिवारिक इतिहास कहलाता है इसलिए अपने चिकित्सक से सलाह करनी चाहिए अगर आपके परिवार में से किसी को एंडोमेट्रियोसिस है .


4. गर्भावस्था का इतिहास

ऐसा कहा जाता है कि गर्भावस्था एंडोमेट्रियोसिस से महिला को बचाती है लेकिन कहीं भी स्पष्ट तथ्य नहीं है क्योंकि यह उन महिलाओं में भी हो सकता है जो पहले गर्भवती हो चुकी हैं,

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5. मासिक धर्म का इतिहास -


हालांकि स्पष्ट कारण नहीं है पर यदि आपके परिवार में किसी को मासिक धर्म से सम्बंधित

समस्याएं हैं (जैसे कम या ज़्यादा समय के लिए

मासिक धर्म होना, भारी मासिक धर्म होना या कम उम्र

में मासिक धर्म शुरू हो जाना) तो आपको चिकित्सक से

संपर्क करना चाहिए क्योंकि इससे आपको उस बीमारी का खतरा न होकर ऑस्टियोपोरोसिस होने का जोखिम बढ़ सकता है,



एंडोमेट्रियोसिस के लक्षण -


एंडोमेट्रियोसिस के निम्नलिखित लक्षण हैं जिनसे हम अंदाजा लगा सकते हैं कि हम इस बीमारी के शिकार हैं

जैसे पीरियड्स में दर्द ज्यादा होना या फिर कभी कभी

बिना पीरियड्स के श्रोणि के हिस्से में दर्द होना या सेक्स में दर्द होना, बाँझपन, थकान इनके आलावा एंडोमेट्रियोसिस में कुछ चक्रीय लक्षण

  चक्रीय लक्षण अर्थात यह वह लक्षण होते हैं जो पीरियड्स से कुछ दिनों पहले शुरू होते हैं और कुछ दिनों बाद गायब हो जाते हैं या कभी कभी केवल पीरियड्स के दौरान ही होते हैं और यह लक्षण मासिक धर्म बंद होने के बाद अगले महीने फिर से प्रकट हो जाते हैं साथ ही

आंत्र समस्याएं जैसे समय-समय पर सूजन, दस्त या

कब्ज, शौच में दर्द, मूत्र में खून आना, गुदा से खून आना

कंधे का दर्द इत्यादि लक्षण आपको महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें,


इलाज -


एंडोमेट्रियोसिस एक ऐसी बीमारी है जिसका इलाज संभव नहीं है वरन् कुछ उपचार उपलब्ध है जिनसे इन लक्षणों में सुधार आ सकता है क्योंकि एंडोमेट्रिओसिस का कोई इलाज नहीं है लेकिन इसके लक्षणों को सुधारने के लिए उपचार उपलब्ध हैं जैसे -

1. एंटी-इंफ्लेमेटरी या एनएसएआईडी दवाएं

  इस तरह की दवाई का उपयोग रक्तस्त्राव और दर्द को कम करने के लिए किया जाता है जैसे इब्यूप्रोफन,


2. गर्भनिरोधक गोलियां - इस तरह की गोलियां अक्सर एंडोमेट्रिओसिस के इलाज के लिए उपयोगी होती हैं लेकिन इसमें एक समस्या है कि यदि कोई महिला गर्भवती होना चाहती हैं तो वह इनका उपयोग नहीं कर सकतीं,


3. हार्मोन थेरेपी - यह ऐसी थेरेपी है जो मासिक धर्म रोकती है और प्रत्यारोपण को सिकोड़ती है। लेकिन कहीं कही इसके दुष्प्रभाव भी हो सकते

हैं जैसे कि  उपचार समाप्त होने के बाद दर्द वापिस आ

सकता है


4. लैपरोस्कोपी - इसका उपयोग प्रत्यारोपण और स्कार दिल को हटाने के लिए किया जाता है। जिससे दर्द कम हो जाता है

 

5. हिस्टेरेक्टॉमी और ओफेरेक्टमी - इसका उपयोग गंभीर दर्द के लिए अंतिम उपाय के रूप में किया जाता है जिसमें कुछ महिलाएं अपने गर्भाशय और अंडाशय को निकलवा

देती हैं


एंडोमेट्रियोसिस के जोखिम कारक - बीमारी घातक परिणाम को प्रदर्शित करती है तो कभी कभी कुछ कारक एंडोमेट्रियोसिस के विकास के जोखिम को बढ़ा

सकते हैं जो इसमें शामिल हैं

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1. एंडोमेट्रियोसीस के इलाज के लिए जिन दवाओं का या जिन थेरेपी का उपयोग किया जाता है उसका एक घातक परिणाम यह है कि आप संतानोत्पत्ति नहीं कर सकते अर्थात डिलीवरी का कोई इतिहास नहीं

2. कभी कभी इसके जोखिम कारक इतने खतरनाक होते हैं कि आपके कम उम्र में मासिक धर्म की शुरुआत तो कभी कभी रजोनिवृत्ति जो अधिक उम्र में या कम मासिक धर्म चक्र तो भारी मासिक धर्म रक्तस्राव जो 7 दिनों से अधिक

समय तक रहता है,

3. शरीर में एस्ट्रोजन  का उच्च स्तर

4• प्रजनन पथ विकार।

5 चिकित्सीय स्थितियां जो पीरियड्स के दौरान शरीर

से रक्त के प्रवाह को रोकती हैं इत्यादि जोखिम कारक है जो एंडोमेट्रियोसिस के विकास के जोखिम कारक को बढ़ा सकते हैं।

बीमारी लापरवाही से अधिक घातक और सावधानी से अधिक सरलता से उसका इलाज संभव है इसलिए जब आपका शरीर कुछ संकेत दे जो आपके स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव डालते हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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