What is generational obesity?/ पीढ़ीगत मोटापा क्या होता है ?

What is generational obesity?/ पीढ़ीगत मोटापा क्या होता है ?

What is generational obesity?/ पीढ़ीगत मोटापा क्या होता है ?_ ichhori.com



वर्तमान में वजन बढ़ना, मोटापा एक आम स्वास्थ्य समस्या बन गई है क्योंकि कोरोना महामारी ने लोगों की दिनचर्या को काफी प्रभावित किया है और जिस कारण उनके खान पान में भी बदलाव आया है लोग या तो खाते जा रहे हैं या नहीं जिस कारण एसीडिटी की समस्या भी सामने आती है तो कुछ लोग दिन के 18 घंटे बस कार्य करते रहते हैं और खाना खाते ही सीधे बैठ जाते हैं जिस कारण यह समस्या और अधिक प्रभावी हो गई है,
 दूसरा व्यक्ति का मोटा होना कोई समस्या नहीं है लेकिन समय के साथ बढ़ता मोटापा और अनियंत्रित मोटापा दोनों में बहुत अंतर है क्योंकि आज व्यक्ति असंतुलित आहार करता है न कोई व्यायाम न कोई एक्सरसाइज बस व्यस्तता पूर्ण जिंदगी जिस कारण वह अपने स्वास्थ्य की ओर ध्यान नहीं दे पाता है और उसका बढ़ता वजन उसके लिए समस्या बन गया है क्योंकि समय के साथ बढ़ता वजन शरीर को हानि नहीं देता बल्कि असंतुलित आहार और अस्त व्यस्त जिंदगी और ऊपर से अनियंत्रित मोटापा उसके स्वास्थ्य के लिए अत्याधिक हानिकारक है,
   लेकिन सबसे पहले यह जानना अति आवश्यक है कि मोटापा क्या है और किस उम्र में कितना वजन होना चाहिए और वजन बढ़ने के कारण, लक्षण के बारे में पता होना चाहिए क्योंकि जिस प्रकार इंजन को समय समय पर सर्विस की जरूरत होती है उसी प्रकार हमारे शरीर को नियमित व्यायाम, उचित पोषणयुक्त आहार की आवश्यकता होती है क्योंकि हमारा शरीर भी एक मशीन की भांति है जिसमें संतुलित आहार उसकी ताकत और नियमित व्यायाम शरीर के संतुलन को कायम रखता है और त्तीवता प्रदान करता है इसलिए सबसे पहले -

   मोटापा क्या है -
मोटापा एक ऐसी स्थिति होती है जब हमारे शरीर मे अत्यधिक शारीरिक वसा इस सीमा तक एकत्रित हो जाता है कि वो स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव डालने लगे और इसका एक दुष्प्रभाव यह भी है कि कभी कभी यह हमारी आयु को भी घटा सकता है,बिशेषज्ञ कहते हैं कि 
शरीर भार सूचकांक (बी.एम.आई), मानव भार और लंबाई का अनुपात होता है, शरीर का वजन बढ़ना शरीर में अनेक
रोगों को जन्म देता है जैसे हृदय रोग,मधुमेह, निद्रा कालीन श्वास समस्या, कई प्रकार के कैंसर इत्यादि,

हालांकि बिशेषज्ञ कहते हैं कि मोटापे का प्रमुख कारण अत्यधिक कैलोरी वाले खाद्य पदार्थों का सेवन, शारीरिक गतिविधियों का अभाव और आनुवांशिकी का मिश्रण है, हालांकि मात्र आनुवांशिक, चिकित्सकीय या मानसिक रोग के कारण बहुत ही कम संख्या में मोटापा बढ़ता है पर खराब दिनचर्या और असंतुलित आहार इसका एक प्रमुख कारण है,
और बिशेषज्ञ सलाह देते हैं कि मोटापा कम करने के लिए सुबह सुबह पानी थोड़ा गर्म करके पीना चाहिए जिससे शरीर के अंदर वसा जमा न हो और जिससे मोटापा नही बढे,

मोटापे के कारण -  आनुवांशिक, शारीरिक गतिविधियों का अभाव इत्यादि कारणों के अलावा अनेक कारण और है जिनके कारण मोटापा बढ़ता है जैसे कि
1. ऊर्जा के सेवन और ऊर्जा के उपयोग के बीच असंतुलन भी मोटापा बढ़ने का एक कारण है,
.2अधिक चर्बीयुक्त आहार का सेवन करने से भी मोटापा बढ़ता है,
3.कम व्यायाम करना और स्थिर जीवन-यापन,
4.असंतुलित व्यवहार और मानसिक तनाव की वजह से
लोग ज्यादा भोजन करने लगते हैं उनका खुद पर कोई नियंत्रण नहीं होता जिस कारण मोटापा बढ़ता है,
5.शारीरिक क्रियाओं के सही ढंग से नहीं होने पर भी शरीर
में चर्बी जमा होने लगती है, जो भी मोटापे का एक कारण है
6 कभी कभी जन्मजात स्थितियो के कारण बाल्यावस्था और युवावस्था के समय का मोटापा व्यस्क होने पर भी रह सकता है,
7कई लोगों को दिन मे खाना खाने के बाद सोने की
आदत होती है जो मोटापे का कारण बनती है क्योंकि इससे खाने का पचाव सही रूप से नही हो पाता और एसीडिटी की समस्या जिससे पेट फूलना वो मोटापा बढ़ने लगता है,
8 हाइपोथाइरॉयडिज़्म बहुत ज्यादा मीठे का सेवन करने से भी मोटापा बढ़ने के साथ साथ अनेक बीमारियों के शिकार हो जाते हैं,
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मोटापे के लक्षण - जाहिर सी बात है और बिशेषज्ञो के अनुसार मोटापा शारीरिक और मानसिक स्तर पर जीवन में कई सारे परिवर्तन लाता है काम करने में चलने में दिक्कत आने लगती है साथ ही हमारी दिनचर्या भी प्रभावित होती है और जिसके कारण व्यक्ति में इसके लक्षण परिलक्षित होते हैं किन्तु कई बार लोग हम उन्हें नजरंदाज या महत्त्व नहीं देते और जिसके बारे में कोई चिकित्सकीय परामर्श नहीं लेते जो हमारे लिए आगे चलकर  स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव डालता है,
मोटापे के प्रमुख्य लक्षण निम्न हैं - :

1. सांस फूलना - आवश्यक नहीं है कि यदि आपकी बार-बार साँस फूलने की समस्या हो तो वो मोटापे का ही एक लक्षण हो क्योंकि कभी कभी सांस फुलना कई कारणों से हो सकता है और कई रोगों का कारण भी बनता है,

2. पसीना में वृद्धि - जब आपको अचानक से बार-बार पसीना आए तो यह एक मोटापे का अहम लक्षण है

3. खर्राटे - यह भी मोटापे का एक अहम लक्षण है क्योंकि आमतौर पर जो लोग मोटे होते हैं उन्हें सोते समय अधिक खर्राटे आते हैं और समय के साथ यह समस्या अधिक बढ़ने लगती है,
4. मोटापे का एक लक्षण यह भी आमतौर पर देखा जाता है कि व्यक्ति को शारीरिक गतिविधि के साथ सामंजस्य करने में अचानक असमर्थता का अनुभव होता है अर्थात व्यक्ति सामान्य रूप से कोई भी शारीरिक गतिविधि करने में असमर्थ होते जाते है जिसका कारण मोटापा होता है यह भी मोटापे का सबसे प्रमुख्य लक्षण है,
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5.प्रतिदिन बहुत थकान महसूस करना- सामान्य रूप से जब व्यक्ति को बिना किसी अतिरिक्त कार्यभार के लगातार थकान का अनुभव होता है तो यह भी मोटापे का ही एक लक्षण हो सकता है,

6. पीठ और जोड़ों में दर्द - जो व्यक्ति मोटापे की समस्या से ग्रसित होते हैं उन लोगों में पीठ और जोड़ों के दर्द सामान्य रूप से देखे जाते हैं,

7.आत्मविश्वास और आत्मसम्मान में कमी का अनुभव तथा
शारीरिक समस्याओं के कारण किसी भी काम को करने
की क्षमता में कमी आ जाना और स्वयं पर विश्वास में कमी जिसके चलते आत्मसम्मान में भी कमी आना स्वाभाविक है जो मोटापा बढ़ने का एक लक्षण है,

8.अकेला महसूस करना - मोटापे में अकेलापन अनुभव
होना एक आम बात है क्योंकि शारीरिक परिवर्तनों के चलते व्यक्ति स्वयं को सबसे अलग और एकाकी महसूस करते हैं,

9• जरुरत से ज्यादा या कम सोना- यदि कोई व्यक्ति जरुरत से ज्यादा सोते है तो यह भी हमारे मोटापे का बहुत बड़ा लक्षण है,

मोटापा क्या है इसके कारण और लक्षण के बारे में जानने के बाद यह भी जानना अति आवश्यक है कि हमारे शरीर में उम्र के अनुसार कितना वजन होना उचित और उत्तम है तो

उचित वजन - एक युवा व्यक्ति के शरीर का अपेक्षित वजन उसकी लंबाई के अनुसार होना चाहिए जिससे कि उसका शारीरिक गठन अनुकूल हो और शरीर के वजन को मापने के लिए सबसे साधारण उपाय - बॉडी मास इंडेक्स है क्योंकि यह व्यक्ति की लंबाई को दुगुना कर उसमें वजन किलोग्राम से भाग देकर निकाला जाता है,
जिसे आप एक सारणी के अनुसार समझ सकते हैं कि

जिस व्यक्ति में भार < 18.5 तो वह कम भार अर्थात कम वजन कहलाता है,
जिस व्यक्ति में भार  18.5-24.9 तो वह सामान्य भार
जिस व्यक्ति में 25.0-29.9 तो वह अधिक भार
जिस व्यक्ति में 30.0-34.9 तो वह श्रेणी-१ मोटा
जिस व्यक्ति में 35.0-39.9 तो वह श्रेणी-२ मोटा
जिस व्यक्ति में > 40.0 तो वह श्रेणी-३ मोटा कहलाता है,

उचित वजन के पश्चात यह जानना भी अति आवश्यक है कि लंबाई के अनुसार व्यक्ति में कितना वजन होना चाहिए तो

बिशेषज्ञो के अनुसार यदि किसी व्यक्ति की  लंबाई पांच फीट है तो उसके शरीर में सामान्य वजन 44 से 55.7 किलोग्राम के बीच होना चाहिए,
और यदि किसी व्यक्ति की लंबाई पांच फीट दो इंच है तो उसका वजन 49 से 63 किलोग्राम के बीच होना चाहिए,
और यदि किसी व्यक्ति की लंबाई पांच फीट चार इंच है तो उसका वजन 49 से 63 किलोग्राम के बीच होना चाहिए, वहीं
किसी व्यक्ति की लम्बाई पांच फीट छह इंच है तो उसका वजन 53 से 67 किलोग्राम होना चाहिए,
और अगर किसी व्यक्ति की लंबाई पांच फीट आठ इंच है तो उसका सामान्य वजन 56 से 71 किलोग्राम  होना चाहिए, और जिसकी लंबाई पांच फीट दस इंच है उसका वजन 59 से 75 किलोग्राम होना चाहिए,और अगर किसी व्यक्ति की हाइट छह फीट है तो उसका सामान्य वजन 63 से 80 किलोग्राम होना चाहिए, क्योंकि  एक युवा व्यक्ति के शरीर का अपेक्षित वजन उसकी लंबाई के अनुसार होना चाहिए।

   

   

 
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