How to prepare daughter for her first period? | बेटी को उसके पहले पीरियड के लिए कैसे तैयार करें?

How to prepare daughter for her first period? बेटी को उसके पहले पीरियड के लिए कैसे तैयार करें

How to prepare daughter for her first period? बेटी को उसके पहले पीरियड के लिए कैसे तैयार करें_ ichhori.com


 

जब कभी भी पहले पीरियड की बात चलती है ,तो हम में से कई लोगों को लगता है कि काश उन्हें पीरियड्स के बारे में थोड़ा बहुत कुछ पहले से पता होता तो उनके पहले पीरियड्स इतने तकलीफ देह नहीं होते|

पहले के समय में माए अपने बच्चों से इस बारे में बात करने में परेशानी का अनुभव करती थी| ऐसे में पूरी जानकारी के अभाव में हम लोग कहीं ना कहीं पिरियड को लेकर शर्मिंदा हुए है |लेकिन अब समय बदल चुका है आजकल मां और बच्चे के बीच बातचीत बहुत ही आसान है |ऐसे में जब टीवी मोबाइल ओर सोशल मीडिया पर सारी जानकारी उपलब्ध है, उसके बावजूद भी एक बेटी की मां को यह चिंता सताती है कि वह उसे पीरियड्स के लिए कैसे तैयार करें ?ताकि उसका पहला पीरियड तकलीफ से भरा हुआ ना हो| ऐसे में यदि आपकी बेटी भी अपने पहले पीरियड की ओर अग्रसर है तो आप उसे मेंटली और प्रैक्टिकली बेहतर तरीके से तैयार कर सकती है, ताकि उसे पीरियड्स के दौरान किसी भी तकलीफ से ना गुजरना पड़े|

क्या है पीरियड की सही उम्र-

आजकल 9 से 11 साल की उम्र तक ज्यादातर लड़कियों के पीरियड शुरू हो जाते हैं |किसी- किसी लड़कियों के 11 से 14 साल की उम्र में भी पीरियड आते हैं| बिटिया से पीरियड के बारे में बात करने के पहले उसके शरीर में आ रहे बदलावों को आप महसूस करें, क्योंकि प्यूबर्टी की शुरुआत से काफी पहले ही लड़कियों के शरीर में बदलाव आसानी से महसूस किए जा सकते हैं |इसके लिए आप अपनी बेटी के अंडर आर्म्स और जननांग की जगह चेक करें| यदि वहां पर बाल आ गए हैं तो यह समझ लीजिए बिटिया के पीरियड कभी भी आ सकते हैं| इसके अलावा स्तनों का आकार भी बढ़ने लगता है, शारीरिक बदलावों से आप अपनी बिटिया के पीरियड के आने का अंदाजा लगा सकते हैं|

बातचीत शुरू करने के पहले बिटिया को कॉन्फिडेंस में ले-

As a mother आप भी कई बार पहले सोच चुकी होंगी कि अपनी बेटी से पीरियड के बारे में कैसे बातें करें? मगर बेटी को कॉन्फिडेंस में लेने के लिए पहले आपका कंफर्टेबल होना बहुत जरूरी है| पहले बेटी को थोड़ी सी हिंट दे कर यह देख ले कि क्या वह इस बात को करने के लिए तैयार है या नहीं ?उसे जब कन्फर्ट लगे आप उसे समझा सकती है |

आप 10 साल की उम्र आने पर अपनी बेटी को उसके शरीर में होने वाले शारीरिक विकास के बारे में समझाइए ,जैसे की ब्रेस्ट का बढ़ना या फिर शरीर के विशेष अंगों के ऊपर बालों का आना आदि के जरिए आप बातचीत की शुरुआत कर सकते हो | आप अपनी पीरियड स्टोरी सुना कर या फिर बिटिया के साथ जाकर सेनेटरी टॉवल खरीद कर आसानी से अपनी बेटी से इस बारे में बात कर सकती है| एक पल को आपको लगेगा कि आपकी बेटी अभी यह सब कुछ जानने समझने के लिए बहुत छोटी है ,मगर यकीन मानिए यह सही समय है कि आप अपनी बेटी को इस बारे में पूरी जानकारी दे दें |साथ ही यदि उसके मन में पीरियड से रिलेटेड कोई भी सवाल है तो उन सवालों को नजरअंदाज करने की बजाय आप उसे जबाब दिजीये ,क्योंकि आप जब तक उसे अच्छे से नहीं समझाएंगे उसके मन के सवालों को शांत नहीं करेंगी वह अपने सवालों के जवाब ढूंढने के लिए कोई गलत तरीका भी अपना सकती है |आप अपने जवाबों से उसे मानसिक रूप से उसके शरीर में होने वाले परिवर्तनों के लिए उसे तैयार कर सकते हैं |

प्यूबर्टी के बारे में पूरी तरह बात करें-

बेटी को प्यूबर्टी के बारे में समझाने के लिए पहले उसे यह बताएं कि यह सब एक सहज प्रक्रिया है |यह उसके शरीर में हार्मोनल चेंज के कारण होता है ,ना कि यह एक बीमारी है |उसी यह भी बताएं कि पीरियड की शुरुआत दिनों में पीरियड्स अनियमित होते हैं और कभी कभी 4 से 7 दिन तक भी रह सकते हैं| इसमें घबराने की कोई बात नहीं है |कुछ दिनों के बाद पीरियड साइकिल रेगुलर होकर सेट हो जाएगा |हो सकता है शुरुआत के दिनों में ब्लड फ्लो ज्यादा हो या कम हो तो उसे पैड चेंज करने के बारे में भी पूरी जानकारी दें|

पीरियड कीट तैयार करें-

जरूरी नहीं है कि जब आपकी बेटी का पहला पीरियड आए तो वह आपके पास आपके घर में ही हो! सकता है वह स्कूल में या प्ले ग्राउंड में हो या फिर आप उसके आसपास मौजूद नहीं हो और उसे सब कुछ खुद ही मैनेज करना हो, इसलिए उसकी सुरक्षा के लिए आपको पहले से ही उसके साथ एक पीरियड किट रेडी करके रखना जरूरी है| इस पीरियड किट मे आप सेनेटरी नैपकिन, पेंटी का पेयर , टिशु पेपर और कैरी बैग्स रखें| बेटी को हर समय यह पीरियड किट अपने साथ कैरी करने का कहे| यदि वह स्कूल जाती है तो उसके स्कूल बैग में भी इस तरह का एक किट बनाकर रख दे ,ताकि यदि उसे अचानक से इसकी जरूरत पड़ जाए तो उसके पास सभी जरूरत का सामान मौजूद होगा| एक्स्ट्रा अंडरवियर इसलिए रखना चाहिए ताकि यदि ब्लीडिंग के कारण अंडरवियर खराब हो जाए तो वह उसे पेपर बैग या टिशू में लपेट कर बाथरूम के डस्टबिन में फेंक सकती है और किट में रखा हुआ नया अंडरवियर का इस्तेमाल कर सकती है|

सेनेटरी नैपकिन या फिर टेमपुंस-

अक्सर माँओं के के सामने यह प्रश्न होता है कि उनकी बेटी के लिए सेनेटरी नैपकिन सही रहेंगे या फिर टेमपुंस ?तो डॉक्टर के अनुसार लड़कियों के पहले पीरियड मे उन्हें टेमपुंस के इस्तेमाल में कोई दिक्कत नहीं होती है, लेकिन पहले पिरियड के लिए पेड का प्रयोग ज्यादा बेहतर होता है| क्योंकि वे इस्तेमाल में आसान होते हैं |कुछ समय के बाद जब उनके पीरियड्स रेगुलर हो जाए ओर वे पैड्स के लिए यूज टू हो जाए तब उन्हें टेमपुंस का इस्तेमाल करना सिखाया जा सकता है| मगर इस बात का ध्यान जरूर रखें कि आपकी बेटी और 6 घंटे के बाद अपना पेड या टेमपुंस चेंज कर ले ,ताकि अच्छे से हाइजीन मेनटेन हो सके|

पीरियड आने पर जिंदगी नहीं रुकती-

अक्सर जब बेटी का पहला पीरियड आता है तो वह उस चीज के लिए तैयार नहीं होती है| तब उसे लगता है कि पीरियड्स के  साथ जिंदगी इतनी आसान नहीं है |मगर उसे समझाइए कि पीरियड्स कभी भी हमारी दिनचर्या पर हावी नहीं हो सकते |वह हर काम जो वह करना चाहती है आसानी से अपने पीरियड के दौरान भी कर सकती है |यदी उसे खेलना पसंद है तो वह पीरियड के दौरान हल्के फुल्के  खेल भी खेल सकती है |बस पीरियड के शुरुआती समय में वजन ना उठाने की सलाह दी जाती है|

साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें-

पुराने समय में साफ-सफाई को लेकर विशेष सुविधाएं उपलब्ध नहीं थी| इसलिए तब पीरियड्स को को अशुद्ध और गंदा माना जाता था और तब छुआछूत की बात भी होती थी |मगर अब साफ सफाई के बेहतर साधन उपलब्ध होने से पहले जैसी कोई बात नहीं रही| अब आप अपनी बेटी को अच्छे से समझाइए कि पीरियड आना कोई गलत बात नहीं है| बस इस दौरान उसे साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए |साथ ही यदि उसे कुछ काम को करने में थकान हो रही है, तो वह काम ना करें| जब तक उसके पीरियड्स रेगुलर नहीं हो जाते तब तक आप उसे पूरी तरह से सतर्क रहने की सलाह दें|

वह अपनी प्रॉब्लम किसी के साथ भी शेयर कर सकती है-

लड़कियां अपने पीरियड के बारे में बात करने में किसी के भी सामने हिचकीचाती है| मगर पहले पीरियड के दौरान उन्हें बहुत ज्यादा तनाव और परेशानियों का सामना करना पड़ता है| ऐसे में यदि आप उसके पास नहीं होते हैं तो वह अपनी बात किसी और के साथ शेयर नहीं कर पाती है| ऐसे में आप उसे पहले तो पीरियड के बारे में अच्छी तरह से समझा दे| उसके बाद उसे यह बताएं कि वह अपने पहले पीरियड आने पर किसी से भी मदद ले सकती है, यदि वह स्कूल में है तो वहां नर्स या फिर टीचर से मदद की गुजारिश कर सकती है या फिर यदि घर पर है तो आप अपने घर का माहौल इस तरह रखिए की वह अपने पापा या भाई से भी मदद लेने में ना घबराए ,क्योंकि अक्सर लड़कियां पहली बार ब्लडिंग देखकर बुरी तरह से घबरा जाती है|

उसके तनाव को कम करने की कोशिश करें-

जहां तक हो सके उसे पीरियड के बारे में सारी डिटेल इस तरह समझाए कि वह पीरियड से डरने के बजाय उसे आसानी से एक्सेप्ट कर ले| इससे उसका तनाव भी कम होगा और पीरियड्स के वक्त होने वाली परेशानियों को वह आपके साथ आसानी से शेयर कर पाएगी|

विनिता मोहता

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