Kya Ovarian Cyst ki wajah se dard hota hai? - क्या ओवेरियन सिस्ट के कारण दर्द हो सकता है

Kya Ovarian Cyst ki wajah se dard hota hai? - क्या ओवेरियन सिस्ट के कारण दर्द हो सकता है

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 क्या ओवेरियन सिस्ट के कारण दर्द हो सकता है



महिलाओं को इस सृष्टि का महत्वपूर्ण  भाग माना जाता है |उनके बिना इस सृष्टि की कल्पना भी नहीं की जा सकती है| वे इस सृष्टि की चलाने के लिए नई नसल को जन्म देने का कार्य करती है ओर इस काम मे उनकी मदद यूट्रस्ट करता है |

भ्रूण निषेचन के लिए ओवरी का यूज किया जाता है |महिलाओं में दो ओवरी होती है, जो यूट्रस के ऊपरी भाग फैलोपियन ट्यूब के पास उपस्थित होती है |जहां निषेचन के बाद के बाद भ्रूण  विकसित होना शुरू हो जाता है| ओवरी का प्रजनन क्रिया का संचालन करने के साथ-साथ हार्मोन को रिलीज करने का काम भी महत्वपूर्ण हैं|

 मगर आजकल के बदलते परिवेश में ओवरी में कई सारी समस्याएं होने लगती है| उसमें से एक ओवेरियन सिस्ट यानी  की अंडाशय की रसौली  बहुत ही आम समस्या है ,मगर इस सिस्ट को इसकी शुरुआती आधार पर पहचानना मुश्किल होता है |क्योंकि इसकी शुरुआत लक्षण  साधारण पेट दर्द और पेल्विक दर्द ही है |इस वजह से इसे पहचानने में काफी समय लगता है| एक तरह से द्रव से भरी हुई गाठ होती है| पानी से भरी यह गठान शरीर के अन्य अंगों पर भी देखी जा सकती है ,जिसे किडनी सिस्ट और लिवर सिस्ट कहते है | सिस्ट वैसे तो नॉरमल होती है और समय के साथ खत्म हो जाती है मगर कुछ गाठ समय के साथ नहीं खत्म होती है और तकलीफ का कारण बन जाती है| कई बार इन सिस्ट के कारण महिलाओं की ओवरी भी निकालनी पड़ती है |भारतीय मेडिकल एसोसिएशन द्वारा कराए गए एक सर्वे के अनुसार लगभग 10% महिलाओं को जीवन में कभी ना कभी ओवेरियन सिस्ट की कंडीशन का सामना करना ही पड़ता है| कई बार अंडाशय की सिस्ट बिना किसी लक्षण की होती हैं और उनका पता अल्ट्रासाउंड पर ही चल पाता है| अंडाशय  की सिस्ट के  कुछ लक्षण इस प्रकार है-

1- लगातार बिना रुके पेट में दर्द होना|

2- बिना किसी खास वजह के पेट के आकार में बढ़ोतरी|

3- फिजिकल रिलेशन बनाने के बाद दर्द का अनुभव|

4- इनफर्टिलिटी|

5- मासिक धर्म का अनियमित होना|

6- यूरिन पास करने के दौरान दर्द होना| और बार-बार यूरिन पास करने की इच्छा होना|

7- बहुत कम खाना खाने के बावजूद पेट भर जाना|

सिस्ट का इलाज-

हम लोग हमारे शरीर के बारे में काफी कुछ जानते हैं मगर हमारे शरीर के महत्वपूर्ण अंग गर्भाशय के बारे में लोगों को जानकारी आधी अधूरी या हमारे आसपास के लोगों द्वारा फैलाई गई भ्रांतियों के आधार पर ही रहती है |कई लोगों में तो गर्भाशय की सिस्ट के लिए गलत धारणा व्याप्त है |सभी लोग सिस्ट से इतना डरते है की अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट मे सिस्ट डीडक्ट होते ही  ऑपरेशन करवा कर अंडाशय ही निकलवा देते हैं| वैसे तो अंडाशय में सिस्ट कई कारण से हो सकता है और बिना दवाई लिए ही सही पर ठीक हो जाता है| कई बार सिस्ट की संख्या 1 से ज्यादा भी होती है यदि तकलीफ ज्यादा हो तो ऑपरेशन के द्वारा सिस्ट  हटाया जाता है |

ओवेरियन सिस्ट से बचाव के कुछ उपाय-

हमारे प्राचीनतम शास्त्रों और भोजन व्यवस्थाओं का पालन कर कर हम कई तरह की बीमारियों से बच सकते हैं| ओवेरियन  सिस्ट से बचने के लिए निम्न तरह के प्रयोग किए जा सकते हैं|

1- रोजना प्राणायाम और योगाभ्यास करें|

2- अपनी डाइट में प्रोटीन को जरूर स्थान दें|

3- रेशेदार फल और हरी पत्तेदार सब्जियों का भरपूर सेवन करें|

4- पानी का सही मात्रा में सेवन करने की आदत डालें|

5- भरपूर नींद लें अर्थात रात को जल्दी सो कर सुबह जल्दी उठने का प्रयास करें|

अपने रोजाना के डाइट में इन आदतों को शामिल करें-

1- डिब्बाबंद पदार्थों का प्रयोग बंद कर के घर में बनाए हुए व्यंजनों का ही सेवन करें|

2- फास्ट फूड पिज़्ज़ा बर्गर जैसे खाद्य पदार्थ और पेप्सी और कोक जेसे ड्रिंक का सेवन ना करें|

3- मेदे की बनी हुई चीजों के साथ-साथ तेल में तली हुई चीजों का सेवन भी ना करें|

4- पैक्ड जूस की स्थान पर फ्रेश जूस छाछ दूध आदि का सेवन करें|

5- तेज मिर्च मसालेदार भोजन की बजाय सात्विक भोजन को प्राथमिकता दें|

डॉक्टर के पास जाने की जरूरत -

ओवेरियन सिस्ट वैसे तो हानिकारक नहीं होता है मगर कुछ कंडीशन में बिना देर किए तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना सुरक्षित रहता है |यदि आपको लगातार यहां सारे लक्षण महसूस हो तो अपने डॉक्टर से जरूर संपर्क करें|

• पेल्विक एरिया में बिना रुके लगातार दर्द भारीपन की स्थिति और चुभन महसूस होना|

• पीरियड्स लगातार अनियमित होकर पीरियड के दौरान अनियमित और अधिक मात्रा में ब्लडिंग होना|

• एक्सरसाइज या फिजिकल रिलेशन बनाने के बाद पेल्विक एरिया में तेज दर्द होना|

• बिना किसी खास वजह के लगातार जी मिचलाना और वेजाइना में दर्द|

• सिस्ट का आकार भी इसकी गंभीरता को निर्धारित करता है| कभी-कभी यह मटर के दाने की तरह छोटा होता है तो कभी-कभी इतना बड़ा हो जाता है कि महिला गर्भवती दिखाई देती है| यदि सिस्ट के कारण रक्त स्त्राव हो तो भी डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए | यदि यह समस्या लंबे समय तक बनी रहती है तो महिलाओं को बांझपन की समस्या का सामना भी करना पड़ जाता है|

सिस्ट में दर्द होने पर दर्द कम करने के घरेलू उपाय-

एक टब में गुनगुना सहन करने लायक गर्म पानी लेकर उसमें एक चम्मच सेंधा नमक और एक चम्मच हल्दी डालकर पानी में मिला |ले अब इस टब में 20 से 30 मिनट के लिए अपना निकला भाग निर्वस्त्र कर कर डूबा कर  बैठ जाए| ऐसा लगातार 15-20 दिन करने से सिस्ट के दर्द में आराम मिलता है और वेजाइना का इन्फेक्शन भी खत्म होने लगता है |कई लोगों के लिए यह उपाय करना संभव नहीं होता है ,तो वे लोग नॉर्मल गरम पानी की थैली से भी पेट के निचले हिस्से की रोजाना 15 से 20 मिनट तक सिकाई करे ऐसा करने से भी सिस्ट के दर्द में राहत मिलती है| डॉक्टर के अकॉर्डिंग पोटेशियम की कमी के कारण ओवेरियन सिस्ट की समस्या जन्म लेती है| पोटेशियम की कमी को पूरा करने के लिए अपनी डाइट में सेव का सिरका जरूर शामिल करना चाहिए ,क्योंकि सेव के सिरके में भरपूर मात्रा में पोटेशियम होता है और इसका लगातार सेवन करने से सिस्ट का आकार धीरे-धीरे कम होने लगता है| भारतीय आयुर्वेद में अदरक का अपना महत्वपूर्ण स्थान है| हम लोग अपने रोज के भोजन में भी अदरक को शामिल करते हैं| मगर हम में से कई लोगों को नहीं पता है कि शरीर मे आ रही सूजन को कम करने में अदरक काफी मददगार साबित होता है| अदरक की तासीर गर्म होती है, जो हमारे शरीर को गर्मी देती है |अदरक मैं मौजूद एंटीऑक्सीडेंट दर्द को भी कम करता है| पीरियड के दौरान अदरक का सेवन करने से मासिक धर्म के दौरान होने वाली पीड़ा कम हो जाती है| इसके अलावा रोजाना अलसी के बीजों का सेवन करने से शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोस्टेजोन  हार्मोन का संतुलन बना रहता है| अलसी में मौजूद फाइबर के कारण शरीर के सभी हानिकारक तत्व और टॉक्सिंस आसानी से हमारे शरीर से बाहर निकल जाते हैं| रोजाना अलसी का सेवन करने से ना सिर्फ सिस्ट के दर्द में आराम मिलता है बल्कि कई महिलाओं को रोजाना अलसी का सेवन करने से सिस्ट की समस्या से ही छुटकारा मिल गया|



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